10 फरवरी को गृह मंत्रालय करेगा जोशीमठ पर मंथन

देहरादून। वैज्ञानिक सर्वेक्षणों के बाद अब आपदा प्रभावित जोशीमठ के उपचार और प्रभावितों के पुनर्वास का दूसरा चरण शुरू होने जा रहा है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण जोशीमठ पर वैज्ञानिक संस्थानों की रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है। 10 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी राज्य के अधिकारियों के साथ जोशीमठ पर चर्चा करेंगे।
इधर, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग ने कैबिनेट के लिए मुआवजा प्रस्ताव का ड्राफ्ट बनाना शुरू कर दिया। हाईपावर कमेटी द्वारा तय मुआवजा और विस्थापन पर आगामी 10 फरवरी को ही प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में चर्चा होनी है।
जोशीमठ में आपदा की वजह से हुए नुकसान की तस्वीर अब काफी कुछ साफ हो चुकी है। अब तक भूधंसाव वाले आपदा ग्रस्त चार वार्डों से 296 परिवार राहत कैंपों, रिश्तेदारों और किराए के मकानों में शिफ्ट हो चुके हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जोशीमठ से विस्थापन पर अंतिम निर्णय वैज्ञानिक संस्थानों की अंतिम रिपेार्ट और एनडीएमए के सुझाव पर ही किया जाएगा। यह देखा जा रहा है कि वास्तव में कितना भूभाग बसावट के लिए उपयोगी नहीं रहा है। और कितने को ट्रीटमेंट के बाद रहने लायक बनाया जा सकता है। इसी आधार पर विस्थापित होने वाले परिवारों की संख्या तय होगी।

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