सौ साल बाद घणता पहुंचे चालदा महाराज, उमड़े हजारों श्रद्धालु

विकासनगर। चार साल से कोटा तपलाड़ में विराजमान चालदा महाराज करीब सौ साल बाद खत बणगांव के घणता पहुंचे, जहां ग्रामीणों भव्य तौर पर देवता का स्वागत किया। देव दर्शनों के लिए सुबह से ही हजारों लोग मंदिर परिसर में एकत्र हो गए थे। इससे पूर्व बुधवार शाम को खत के चौदह गांवों के सैकड़ों लोग चालदा महाराज की अगुवाई के लिए कोटा तपलाड़ गए थे।
2018 में चालदा महाराज खत बमटाड़ के नराया गांव से कोटा तपलाड़ मंदिर में विराजमान हुए थे। बुधवार देर शाम को खत बणगांव के तीन सौ लोग जोजोड़िए के रूप में महाराज की आगवानी के लिए कोटा तपलाड़ गए। रात्रि जागरण के बाद गुरुवार सुबह देव पालकी और देव चिन्हों को शुभ मुहूर्त पर सुबह दस बजे गर्भगृह विधि विधान पूर्वक बाहर निकाली। इस दौरान खत बमटाड़ के हजारों लोग मौजूद रहे। लोगों ने देवता का आशीर्वाद लेकर नम आंखों से उन्हें घणता के लिए विदा किया। कोटा तपलाड़ से घणता तक हजारों हजारों श्रद्धालु देव पालकी के साथ चल रहे थे। जहां से भी होकर देव पालकी गुजरी वहीं लोगों ने पुष्प वर्षा कर देवता से खुशहाली की मन्नतें मांगी।
उधर, दूसरी ओर घणता के नव निर्मित मंदिर में भी गुरुवार सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। जौनसार बावर के साथ ही टिहरी, उत्तरकाशी और हिमाचल प्रदेश से हजारों श्रद्धालु मंदिर में देव दर्शनों को पहुंचे। मंदिर समिति सुबह से ही जागड़ा पर्व की तैयारियों में जुटी रही। देर शाम मंदिर में देव पालकी के पहुंचते पूरा गांव चालदा महाराज के जयकारे से गूंज उठा। जागड़ा पर्व में शामिल होने के लिए करीब तीस हजार श्रद्धालु घणता पहुंचे हुए थे। देव दर्शनों और देव पालकी को कांधा देने के लिए हर कोई उत्सुक था। मंदिर समिति ने करीब एक घंटे तक देव पालकी को परिसर में ही रखकर श्रद्धालुओं को देवता के दर्शन कराए। जिसके बाद विधि विधान से देव पालकी और देव चिह्नों को नव निर्मित मंदिर के गर्भगृह में विराजमान किया गया। देवता के मंदिर में विराजमान होने के बाद पूरी रात लोकगीतों और लोकनृत्यों के माध्यम से चालदा महाराज की स्तुति की गई। सौ साल बाद चालदा महाराज के घणता प्रवास को लेकर पूरी बणगांव खत में उत्साह का माहौल बना रहा। इस दौरान कोटा तपलाड़ के सदर स्याणा विजयपाल चौहान, खत बणगांव के सदर स्याणा एवं मंदिर समिति अध्यक्ष अतर सिंह तोमर, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, राजेंद्र सिंह तोमर, दौलत रावत, विक्रम पंवार, आरएस चौहान, विरेंद्र चौहान, शमशेर सिंह, चतर सिंह, सरदार सिंह, नवीन तोमर, सुभाष आदि मौजूद रहे।