जाने कब से होगी उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू

देहरादून। कोरोनाकाल में शिक्षण बाधित होने के बाद उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में एक दिसंबर से एमबीबीएस की पढ़ाई कराई जाएगी। एचएनबी मेडिकल विवि और कॉलेजों ने इसका फॉर्मूला तैयार कर लिया है। पहले चरण में प्रथम वर्ष यानी 2019-20 के बैच और अंतिम वर्ष के छात्रों की कक्षाएं संचालित की जाएंगी। विवि की ओर से अनुमति के लिए शासन को इसका प्रस्ताव भेज दिया गया है। कोरोना के चलते मेडिकल कॉलेजों में ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। थ्योरी की पढ़ाई तो छात्रों की करीब पूरी हो गई हैं। मगर मानक के तहत जो प्रयोगात्मक और क्लीनिकल पढ़ाई होनी है, उसके लिए कक्षाएं चलनी जरूरी हैं। इसलिए देहरादून, श्रीनगर, हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेजों, एसजीआरआर और हिमालयन मेडिकल कॉलेज की ओर से कक्षाएं चलाने का अनुरोध किया गया। विवि के कुलपति प्रो. डॉ. हेमचंद्र पांडेय ने बताया कि कॉलेजों की ओर से कक्षाएं चलाने की तैयारियां कर ली गई हैं। प्रथम-अंतिम वर्ष की कक्षाएं चलानी जरूरी हैं। प्राचार्यों संग बैठक कर कक्षाएं चलाने की रणनीति बनाई गई है। शासन को प्रस्ताव भेजा है। अनुमति मिलने पर एक दिसंबर से कक्षाएं शुरू करा देंगे।

मेडिकल कॉलेजों में ‘दोस्ती’ नहीं चलेगी: महामारी में कक्षाएं चलाने में पूरी एहतियात बरती जाएगी। कॉलेज-विवि स्तर पर इसकी रूपरेखा बना ली गई है। बाहर से आने वाले छात्रों को कोरोना जांच रिपोर्ट लानी होगी, नहीं तो रिपोर्टिंग से पूर्व जांच होगी। रिपोर्ट आने तक उन्हें अलग रखा जाएगा। सभी हॉस्टलों में सोशल डिस्टेंस का पालन होगा। मेस में खाने के लिए बारी-बारी से इंतजार करना होगा। कॉलेजों में अब दोस्ती भी नहीं चलेगी। कक्षा एवं लाइब्रेरी में छात्र एक साथ सीट पर नहीं बैठ सकेंगे। लैपटॉप, नोट्स या किताब भी साझा नहीं कर सकेंगे। वहीं, बुजुर्ग एवं गर्भवती महिला कर्मचारियों से भी इन छात्रों को दूर रखा जाएगा।

प्रथम और अंतिम वर्ष वाले छात्रों को ज्यादा नुकसान:
दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया, ऑनलाइन कक्षाओं के जरिये थ्योरी की पढ़ाई तो लगभग पूरी करा ली गई है। मगर, प्रथम और अंतिम वर्ष वालों का नुकसान हो रहा है। इनकी कक्षाएं शुरू होनी जरूरी हैं। अंतिम वर्ष की क्लीनिकल-प्रेक्टिकल क्लासेज होनी है। फिर मार्च में परीक्षा के बाद वो इंटर्न के लिए चले जाएंगे।