दो निर्दलीयों के मैदान में उतरने से गड़बड़ा रहा दलों का समीकरण

कोटद्वार(आरएनएस)।  कोटद्वार नगर निगम चुनाव में मेयर पद के लिए दो पूर्व सैनिकों के चुनाव मैदान में उतरने से भाजपा व कांग्रेस पार्टियों के माथे पर बल पड़े हुए हैं। दोनों पूर्व सैनिक राजनीतिक दलों के वोट बैंक में सेंध मार रहे हैं, जिससे भाजपा व कांग्रेस को जीत हार का गणित गड़बड़ाने की संभावना बनी हुई है। 40 वार्डों में विभाजित कोटद्वार नगर निगम की वर्तमान में करीब पौने दो लाख की आबादी है। जिसमें करीब 35 हजार आबादी सैनिक व पूर्व सैनिक परिवारों से जुड़ी है। पूर्व सैनिक परिवार अब तक कहीं न कहीं भाजपा व कांग्रेस से जुड़े हैं। लेकिन इस बार के नगर निगम चुनाव में मेयर पद के लिए तीन पूर्व सैनिकों ने नामांकन कराया है। जिसमें से भाजपा से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कराने वाले बालासौड़ निवासी और पूर्व नामित पार्षद गजेंद्र मोहन धस्माना को भाजपा मनाने में कामयाब रही और उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था। लेकिन पूर्व सैनिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेंद्रपाल सिंह रावत और पूर्व सैनिक गोपालकृष्ण बड़थ्वाल निर्दलीय उम्मीद्वार के रूप में चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। महेंद्रपाल सिंह रावत के साथ बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक जुड़े हुए हैं। नामांकन के दौरान बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों के साथ वह शक्ति प्रदर्शन भी कर चुके हैं। पूर्व सैनिकों के चुनाव मैदान में उतरने से भाजपा और कांग्रेस को पूर्व सैनिकों को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। साथ ही पूर्व सैनिकों के चुनावी मैदान में उतरने से नगर निगम चुनाव में भाजपा व कांग्रेस का चुनावी गणित बिगड़ने की संभावना भी बनी हुई है।

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