संविधान का खुला उल्लंघन कर रही सरकार: यशपाल आर्य

पंचायती व्यवस्था को लेकर प्रदेश में जो कुछ हो रहा है, उसके लक्षण ठीक नहीं

देहरादून(आरएनएस)।  नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि भाजपा सरकार संविधान का खुला उल्लंघन कर रही है। आज की तारीख में ग्रामीण विकास की महत्वपूर्ण इकाई ग्राम पंचायतें प्रशासक विहीन हैं। पंचायती व्यवस्था को लेकर प्रदेश में जो कुछ हो रहा है, उसके लक्षण ठीक नहीं हैं। चुनाव नहीं होने से प्रदेश में संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है। मंगलवार को मीडिया को जारी बयान में आर्य ने कहा कि विगत 27 मई से साढ़े सात हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतें, 95 क्षेत्र पंचायतें और 13 जिला पंचायतें लावारिश पड़ी हैं। ऐसा पहली बार हुआ है, न प्रशासक है और न निर्वाचित बोर्ड।  राजभवन ने भी पंचायतीराज एक्ट में संशोधन विधेयक को वापस भेज दिया है। सरकार की ओर से पंचायती राज अधिनियम का उल्लंघन करके लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को छह महीने पहले चुनाव की तैयारी कर लेनी चाहिए थी, लेकिन कार्यकाल पूरा होने का समय आने पर भी अब तक आरक्षण की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रही है। प्रत्येक पांच साल में अपना जनप्रतिनिधि चुनने का अधिकार आम मतदाता का है। ऐसे में बीजेपी सरकार अकारण विलंब करके उम्मीदवारों और वोटर्स के हक का गला घोट रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ग्राम सभाएं हमारी संस्कृति व समृद्धता की नींव है और इसके सशक्तीकरण का काम पंचायतीराज व्यवस्था के माध्यम से होता आया है लेकिन आज सरकार पंचायती राज संस्थाओं को कमजोर करना चाहती है जिसका हम मुखरता से विरोध करेंगे।

सत्ता के स्वार्थ में यह स्थिति खड़ी की: हरीश
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि आज की तिथि में राज्य में पंचायतों का कोई ग्वाला-गोसाई नहीं रहा। सरकार के षड्यंत्र पूर्ण रवैये के कारण पंचायती राज एक्ट रसातल में चला गया, जो वास्तविक अर्थों में राज्य की पंचायती व्यवस्था के लिए सरकार निर्मित संवैधानिक संकट है। सत्ता के स्वार्थ ने यह दु:खद स्थिति खड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार इन संस्थाओं के अधिकारों को अर्थहीन कर रही है। सरकार पंचायती राज व्यवस्था की शक्तियां छीनने और ग्रामीण संस्थाओं को अस्थिर करने का काम कर रही है। पंचायत चुनाव कब होंगे, कोई पता नहीं। लोकतंत्र में जन प्रतिनिधित्व की सबसे छोटी इकाई के चुनावों के लिए सरकार अक्षम दिख रही है।

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