
देहरादून(आरएनएस)। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि उत्तराखंड सरकार धान की सरकारी खरीद के आंकड़े जारी कर अपने मुंह मियां मिट्ठू बन रही है, जबकि हकीकत में मंडियों में किसानों की हालत बदतर है। उन्होंने कहा कि ‘‘धान का एक-एक दाना खरीदने’’ का दावा महज़ एक धाकड़ झूठ और जुमला आदेश साबित हुआ है।आर्य ने कहा कि किसानों को न तो बाढ़ मुआवजा मिला, न एमएसपी पर खरीदी हो रही है, न ही आढ़त की समस्या का समाधान हुआ है। खाद की किल्लत ने अलग से परेशान कर रखा है — भाजपा सरकार का किसानों पर जुल्म जारी है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने कच्चे आढ़तियों को एमएसपी पर धान खरीदने के लाइसेंस दिए हैं और तुलवाई, परिवहन आदि का खर्च भी दे रही है, फिर भी वे किसानों का धान नहीं खरीद रहे। सरकार द्वारा बिचौलियों को अधिकार देने से किसानों का हक मारा जा रहा है और प्रशासन उन्हें भ्रमित कर रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि किसान मंडी कतारों से बचने के लिए निजी गोदामों में औने-पौने दाम पर धान बेचने को मजबूर हैं, जबकि व्यापारियों द्वारा फर्जी नमी जांच और भारी कटौती की जा रही है। उन्होंने कहा कि तौल केंद्रों पर खरीद न होने से धान से लदे वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं और किसान दिन-रात मंडियों में धान की रखवाली कर रहे हैं। वहीं, यूपी से सस्ते में खरीदा गया धान पोर्टल पर चढ़ाकर सरकारी खरीद दिखाने का खेल चल रहा है। अंत में आर्य ने मांग की कि प्रदेश सरकार तत्काल विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी कर पारदर्शी व समयबद्ध तरीके से धान खरीद सुनिश्चित करे, ताकि किसानों को उचित मूल्य मिल सके।





