यमुनोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद

उत्तरकाशी(आरएनएस)।  भैयादूज के पावन पर्व पर बुधवार को सुबह 11:57 बजे विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री मंदिर के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके बाद शीतकाल में छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में होंगे। पौराणिक परंपरानुसार भैया दूज के पावन पर्व पर बुधवार को सुबह मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली से शनिदेव की डोली यमुनोत्री धाम पहुंची, जहां यमुनोत्री में विधिवत पूजा अर्चना और हवन यज्ञ किया गया, जिसके बाद 11 बजकर 57 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए यमुनोत्री मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। कपाट बंद किए जाने के बाद मां यमुना की डोली यमुनोत्री से शनि देव की डोली एवं वाद्ययन्त्रों की अगुवाई में अपने शीतकालीन प्रवास खुशीमठ के लिए रवाना हुई। शाम को खरसाली में श्रद्धालुओं ने मां यमुना जी का भव्य स्वागत किया। यमुनोत्री मंदिर के कपाट बंद होने के बाद शीतकाल में छह माह तक मां यमुना की पूजा अर्चना उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ में होगी तथा यहीं पर देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु शीतकाल में छह माह तक मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे। जिसके बाद अगले साल पुनः अक्षय तृतीया के पर्व पर ग्रीष्मकाल के लिए यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।


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