
अल्मोड़ा(आरएनएस)। विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में मंगलवार को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम विषय पर जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में मीता उपाध्याय, सुधा संगठन की सलाहकार और महिला कल्याण संस्था अल्मोड़ा की संरक्षक, मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहीं। संस्थान के निदेशक लक्ष्मी कान्त ने कार्यशाला के उद्देश्य और रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर सुरक्षा और गरिमा संस्थान की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है और इस विषय पर पुरुषों व महिलाओं—दोनों का जागरूक होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न रोकथाम के प्रावधानों की जानकारी जहां पुरुषों को जिम्मेदार बनाती है, वहीं इससे महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग होने में भी मदद मिलती है। मुख्य वक्ता मीता उपाध्याय ने कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न कानून, लैंगिक समानता और लैंगिक संवेदनशीलता से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम (पॉश अधिनियम, 2013) के प्रावधानों, आंतरिक शिकायत समिति की भूमिका, सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के उपायों और व्यवहारगत संवेदनशीलता जैसे विषयों को उदाहरणों, केस स्टडी और सहभागिता-आधारित गतिविधियों की मदद से सरल और रोचक तरीके से समझाया। उन्होंने कहा कि सम्मानजनक, सुरक्षित और समावेशी वातावरण संस्थान की कार्य संस्कृति का आधार होना चाहिए। कार्यशाला में फसल सुधार प्रभाग अध्यक्ष निर्मल कुमार हेडाऊ, फसल सुरक्षा प्रभागाध्यक्ष कृष्ण कान्त मिश्रा, आंतरिक समिति की अध्यक्षा अनुराधा भारतीय, महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्षा कुशाग्रा जोशी के साथ आंतरिक समिति और महिला प्रकोष्ठ के सदस्य, वैज्ञानिक, तकनीकी, प्रशासनिक और सहायक वर्ग के कर्मचारी तथा संस्थान में कार्यरत ठेकेदार के दैनिक श्रमिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समन्वयन अनुराधा भारतीय और कुशाग्रा जोशी ने किया, जबकि संचालन निधि सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन निर्मल कुमार हेडाऊ ने प्रस्तुत किया। कार्यशाला से कृषि विज्ञान केन्द्र चिन्यालीसौड़ और बागेश्वर के कार्मिक ऑनलाइन माध्यम से भी जुड़े रहे।


