भौगोलिक आधार पर हो विधानसभाओं का पुनर्गठन: किशोर

नई टिहरी(आरएनएस)।   टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के उस वक्तव्य का स्वागत किया है, जिसमें उन्होंने उत्तराखंड में विधानसभा और लोकसभा सीटों का परिसीमन क्षेत्रफल के अनुसार किए जाने की बात कही है। उपाध्याय ने कहा कि राज्य में विधानसभा की 101, लोकसभा की 11 और राज्यसभा की 5 सीटें होनी चाहिए। विधानसभा सीटों में भी पहाड़ प्रतिनिधित्व ज्यादा हो। शुक्रवार को पत्रकार वार्ता करते हुए विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि वह 2004 से उत्तराखंड में परिसीमन को भौगोलिक आधार पर करने की वकालत करते आए हैं। इसके लिए उन्होंने अपने तत्कालीन साथियों के साथ सर्वपक्षीय बैठक भी की थी। लेकिन पहाड़विरोधी कुछ लोगों ने उस वक्त विधानसभा सत्र चलने नहीं दिया, जिससे प्रस्ताव तत्कालीन केंद्र सरकार को नहीं भेजा जा सका। कहा कि उत्तर-पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों की भांति उत्तराखंड में पलायन आयोग परिसीमन को भौगोलिक आधार पर करे। उत्तराखंड का सामरिक महत्व के साथ ही देश-दुनिया के लिए अगल स्थान हैं। हाल ही में खत्म हुए महाकुंभ के आयोजन में उत्तराखंड और खासकर टिहरी की सबसे बड़ी भूमिका रही। 200 क्यूमेक्स पानी प्रतिदिन टिहरी बांध से प्रयागराज महाकुंभ के लिए दिया गया। टिहरी बांध से ही दिल्ली को पेयजल सहित कई राज्यों को सिंचाई के लिए पानी मिलता है। ऐसे में पहाड़ी क्षेत्रों की हर स्तर पर पैरवी हो। सभी विधायकों और सांसदों से उत्तराखंड में भौगोलिक आधार पर सीटों के परिसीमन के लिए एकमत होने की अपील की। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल की ओर से पहाड़ के खिलाफ की गई बयानबाजी पर विधायक ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को भाषा संयमित रखनी चाहिए, बजाए इस पर उलझने के विकास में ध्यान दें।

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