विभागीय सचिवों के पद पर इंजीनियरों को मिले जिम्मेदारी

देहरादून(आरएनएस)। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने विभागीय सचिवों के पदों पर इंजीनियरों को जिम्मेदारी दिए जाने की मांग की। इसके साथ ही इंजीनियरिंग विभागों में एमडी पद की जिम्मेदारी आईएएस अफसरों को न दिए जाने की पैरवी की। चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने सरकारों को आईएएस अफसरों के प्रभाव से बाहर निकलने को कहा। इंजीनियर्स डे की पूर्व संध्या पर चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने कहा कि नीति निर्धारण से लेकर शीर्ष प्रबंधन स्तर पर तेजी से आईएएस अफसरों का कब्जा बढ़ता जा रहा है। दूसरी ओर इंजीनियरों को लगातार हाशिए पर धकेला जा रहा है। दूसरी ओर विकसित देशों में इंजीनियरों को नीति निर्माण और नेतृत्व में अहम भूमिका दी जाती है। जर्मनी, जापान और अमेरिका में इंजीनियरिंग नवाचार, तकनीकी नेतृत्व को बढ़ावा दिया जाता है। इंजीनियरों को विभागीय सचिव के रूप में जिम्मेदारी दी जाए। इंजीनियरों के लिए विशेष प्रशासनिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएं। पाठ्यक्रम में भी प्रबंधन और नेतृत्व कौशल को शामिल किया जाए। एनआईटी, आईआईटी में नीति विश्लेषण और सार्वजनिक प्रशासन पर वैकल्पिक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएं। सरकार और निजी क्षेत्रों में इंजीनियरों का विशेष कैडर बनाया जाए। बेहतर होगा कि सरकार आईएएस अफसरों के प्रभाव से बाहर निकल इंजीनियरों के योगदान को पहचानते हुए उन्हें मजबूत करने का अवसर प्रदान करे।