वेंटिलेटर तो आ गए, विशेषज्ञ स्टाफ की तैनाती नहीं हुई

वार्ड में भर्ती मरीजों को नहीं मिल रही वेंटिलेटर की सुविधा

ऋषिकेश। तीर्थनगरी ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल में पांच वेंटिलेटर तो आ गए हैं, लेकिन विडंबना यह कि उन्हें चलाने वाले विशेषज्ञ स्टाफ की तैनाती नहीं हुई है। ऐसे में वेंटिलेटर कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए शोपीस बने हुए हैं। हरिद्वार लोकसभा सांसद डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने पखवाड़ाभर पहले ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल में भर्ती होने वाले कोविड रोगियों के बेहतर इलाज के लिए पांच वेंटिलेटर और अन्य उपकरण खरीद के लिए सांसद निधि से 60 लाख रुपये दिए थे। देहरादून से पांच वेंटिलेटर दो दिन पहले सरकारी अस्पताल पहुंचे और कोविड वार्ड में उन्हें स्थापित भी कर दिया गया है। लेकिन, वेंटिलेटर चलाने वाला कुशल स्टाफ नहीं होने से वार्ड में भर्ती रोगी को वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिल रही है। ऐसे में वेंटिलेटर शो पीस बने हुए हैं। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक वेंटिलेटर संचालन के लिए हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट की ओर से विशेषज्ञ डाक्टर और कुशल स्टाफ देने की बात कही गई थी।

कोविड वार्ड में 27 बेड बढ़े: सरकारी अस्पताल का कोविड वार्ड अब 20 की जगह 47 बेड का हो गया है। गंभीर रोगियों को बेड मिलने में दिक्कत नहीं हो, इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने 27 बेड और बढ़ा दिए हैं। सीएमएस ने बताया कि 20 बेड में सेंटरलाइजेशन ऑक्सीजन और 27 बेड में ऑक्सीजन कंसीलेटर की व्यवस्था है। यह सुविधा आज से शुरू कर दी गई है।
कोविड वार्ड में नए पांच वेंटिलेटर आने से संख्या 7 हो गई है। हां यह सच है कि वेंटिलेटर चलाने वाला स्टॉफ नहीं है। ऋषिकेश मेयर की मध्यस्थता में हुई वार्ता में हिमालयन अस्पताल से विशेषज्ञ स्टाफ दिलाने पर सहमति बनी थी। एक बार फिर मामला उनके संज्ञान में लाया जाएगा।
– डा. विजयेश भारद्वाज, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक


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