वायुरथ ने 15 किमी की पैदल परिक्रमा की
चम्पावत। सुंई-बिशुंग के आषाढ़ी वायुरथ महोत्सव का समापन हुआ। समापन पर मां भगवती की वायुरथ यात्रा ने सुंई-बिशुंग के बीच 15 किमी की पैदल परिक्रमा की। हजारों लोगों ने मां भगवती के दर्शन कर शीश नवाया। सुंई में सुबह चारद्योली के समस्त आयुधों को आदित्य महादेव मंदिर में लाया गया। देवडांगरों ने गद्दी लगाकर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। मंदिर में पारंपरिक पूजा संपन्न होने के बाद सभी देवडांगरों को अंग वस्त्र भेंट किए गए। मां भगवती की गुप्त प्यौली को सुंई के आदित्य महादेव मंदिर में परिक्रमा कराई गई। इसके बाद मां भगवती के वायुरथ को हजारों श्रद्धालुओं ने बगैर रस्सी के सहारे करीब 15 किमी की यात्रा शुरू की। वायुरथ गलचौड़ा, पऊ, चनकांडे, डुंगरी, खैसकांडे, उखाकोट की दुर्गम पहाड़ियों को पार कर बीस गांव बिशुंग पहुंचा। टाक खला में कुछ देर के लिए रथ रुकने के बाद देवडांगरों ने बुड़चौड़ा मंदिर में स्नान किया। देर रात सुंई के आदित्य महादेव मंदिर रथ पहुंचा। जहां मां भगवती और आदित्य महादेव की संयुक्त पूजा की। महोत्सव समिति अध्यक्ष श्याम चौबे ने वायुरथ महोत्सव ने सभी का आभार जताया। आयोजन में सचिन जोशी, सुनील चौबे, भुवन चौबे, मदन पुजारी, सुनील चौबे, गुड्डू डुंगरिया, जीवन खर्कवाल, हयात सिंह माहरा, प्रेम चौबे, मोहन चौबे आदि ने सहयोग दिया।