वनों की परिभाषा बदलने के मामले में अगली सुनवाई 19 को
नैनीताल। वनों की परिभाषा बदलने के खिलाफ दायर जनहित याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 19 जून तय की है। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में राज्य सरकार की ओर से पेश किए गए रिकॉर्ड पर सुनवाई जारी रही। नैनीताल निवासी पर्यावरणविद् प्रो. अजय रावत व अन्य ने जनहित याचिकाएं दायर की हैं। इनमें कहा है कि 21 नवम्बर 2019 को उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण अनुभाग ने एक आदेश जारी कर राज्य में 05 हेक्टेयर से कम या 60 प्रतिशत से कम घनत्व वाले वन क्षेत्र को वनों की श्रेणी से बाहर रखा गया है या उनको वन नहीं माना है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस आदेश को लागू नहीं किया जा सकता है। क्योंकि न ही यह शासनादेश है न ही कैबिनेट से पारित कोई आदेश। सरकार ने अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए घुमाफिरा कर यह आदेश जारी किया है।