
अल्मोड़ा। प्रभागीय वनाधिकारी दीपक सिंह ने बताया कि मुख्य वन संरक्षक, कुमाऊँ मंडल नैनीताल के निर्देश पर वनाग्नि काल की रोकथाम के लिए इस वर्ष भी वार्षिक नियंत्रित फुकान की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने सभी वनक्षेत्राधिकारियों को निर्देशित किया है कि आरक्षित वन क्षेत्रों में कार्ययोजना के अनुरूप नियंत्रित फुकान केवल फिल्ड कर्मचारियों की मौजूदगी में ही कराया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि मोटर मार्गों के किनारे नियंत्रित दहन करते समय पीरूल का एकत्रीकरण कर ही प्रक्रिया शुरू की जाए और आग को सूर्यास्त से पहले पूर्ण रूप से बुझाना सुनिश्चित किया जाए, ताकि रात्रि में आग फैलने की कोई आशंका न रहे और वन्यजीवों को भी नुकसान न पहुंचे। नियंत्रित दहन से संबंधित दैनिक जानकारी मास्टर कंट्रोल रूम को फोटो सहित भेजना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए रेन्ज स्तर पर अलग-अलग टीमों का गठन किया जाएगा और प्रत्येक टीम के टीम लीडर तथा फुकान की निर्धारित तिथि का उल्लेख भी किया जाएगा। प्रभागीय वनाधिकारी ने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों को नियंत्रित फुकान की प्रक्रिया और उद्देश्य की पूरी जानकारी होना आवश्यक है। यदि एकान्तर या द्विवार्षिक फुकान के दौरान एफएसआई की ओर से कोई फायर अलर्ट प्राप्त होता है तो उसकी जांच कर तत्काल एक्शन टेकन रिपोर्ट मास्टर कंट्रोल रूम को भेजी जाए। सभी क्षेत्रों में नियंत्रित दहन का कार्य 15 फरवरी से पहले पूरा कर लेने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि फुकान से पहले आसपास के गांवों में सूचना देना अनिवार्य है और यदि किसी कारणवश आग अनियंत्रित होती है तो स्थानीय ग्रामीणों की सहायता ली जाए। दहन प्रक्रिया के दौरान संबंधित टीमें स्थल पर पूरे समय उपस्थिति बनाए रखें। यदि किसी बाहरी व्यक्ति या स्थानीय निवासी द्वारा जानबूझकर आग लगाने की घटना सामने आती है तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर विवरण मास्टर कंट्रोल रूम को भेजा जाएगा।


