वन निगम में स्पेशल ऑडिट के नाम पर वेतन कटौती का विरोध

देहरादून(आरएनएस)। राज्य के निगम, निकाय कर्मचारियों का बकाया भुगतान लटकने, वेतन विसंगति, रिकवरी पर राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने विरोध जताया। महासंघ ने इन सभी समस्याओं का समाधान न होने पर प्रदेश स्तरीय आंदोलन की चेतावनी दी। महासंघ अध्यक्ष दिनेश गोसाईं ने कहा कि परिवहन निगम, वन निगम में कर्मचारी शासन की दोहरी नीति का खामियाजा भुगत रहे हैं। सात साल पहले रिटायर हुए कर्मचारियों के बकाया को आज तक रोका हुआ है। ऐसा कर कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। बकाया भुगतान के इंतजार में कई कर्मचारियों का निधन तक हो चुका है। कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश पंत ने बताया कि वन विकास निगम में वेतन निर्धारण पर विशेष आडिट कराया गया। ऑडिट में कर्मचारियों को अधिक भुगतान दिखाकर 2000 कर्मचारियों का वेतन आधा कर दिया गया। मुख्य सचिव की ओर से इस मसले पर कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के निर्देश दिए। एक बार शासनादेश होने पर वेतन बहाल भी किया गया, लेकिन अब दोबारा कटौती शुरू हो गई है। जबकि हाईकोर्ट वेतन कटौती को अवैध बताते हुए भुगतान के निर्देश दे चुका है। कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति बेहद खराब है। क्योंकि कर्मचारियों को पेंशन के स्थान पर ईपीएफ अंशदान की दर से भत्ता मिलता है। महासंघ महासचिव बीएस रावत ने कहा कि एक ओर कर्मचारियों के बकाया भुगतान को बजट का रोना रोया जा रहा है। दूसरी ओर वन निगम अपनी बैलेंस शीट में करोड़ों का लाभ दर्शा रहा है। कोर्ट में पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। कार्यकारी महासचिव श्याम सिंह नेगी ने कहा कि निगम कार्मिकों के साथ ज्यादती की जा रही है। इसके खिलाफ जल्द सचिवालय घेराव किया जाएगा। 17 फरवरी को होने वाली प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में आंदोलन पर फैसला लिया जाएगा।