स्मार्ट सिटी परियोजना को स्थानीय स्थापत्य शैली से जोडऩे की जरूरत: वेंकैया

नई दिल्ली,11 जुलाई (आरएनएस)। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वकांक्षी स्मार्ट सिटी अभियान को स्थानीय स्थापत्य शैली से जोडऩे की जरूरत है जिससे स्थानीय कारीगरों को रोजगार मिलेगा।
नायडू ने यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स के वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कहा कि सभी देशों और महाद्वीपों में सभ्यताएं विकसित हुई है। स्थापत्य शैली इन सभ्यताओं की अभिन्न अंग रही हैं। महत्वाकांक्षी परियोजना स्मार्ट सिटी अभियान में स्थानीय स्थापत्य शैली का उपयोग किया जाना चाहिए जिससे स्थानीय कारीगरों को रोजगार मिलेगा और युवाओं को अवसर उपलब्ध होंगे।
उन्होंने कहा , आज जब हम स्मार्ट सिटी विकसित कर रहे हैं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी के सबको आवास के सपने को पूरा कर रहे हैं, हमें हर क्षेत्र की विशिष्ट संस्कृति और शिल्प से इन परियोजनाओं को जोडऩा होगा, उन्हें सम्मिलित करना होगा।
नायडू ने कहा कि इससे न केवल उस स्थान की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखा जा सकेगा बल्कि स्थानीय शिल्पियों और कारीगरों को प्रोत्साहन और रोजग़ार मिलेगा। सिंधु घाटी की सभ्यता से ले कर कोणार्क के सूर्य मंदिर तक भारतीय स्थापत्य के विकास के अनेक उत्कृष्ट उदाहरण हैं। देश में अनेक ऐसी शानदार इमारतें है जिन्हें कारीगरों ने स्थानीय साधनों से, स्थानीय तकनीक से बनाया गया है। स्थापत्य किसी भी सभ्यता के विकसित होने की पहचान है। हर दौर में हर सभ्यता की अपनी विशिष्ट स्थापत्य शैली रही है। हर महाद्वीप के इतिहास के हर दौर में विशिष्ट स्थापत्य शैली विकसित हुई है।


Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version