उत्तरायणी मेला आयोजन पर छाए ओमीक्रोन के बादल

बागेश्वर। देश में ओमीक्रोन के बढ़ते प्रकोप ने प्रसिद्ध उत्तरायणी मेले के आयोजन पर प्रशासन को सोचने को मजबूर कर दिया है। प्रशासन ने इस संबंध में विचार विमर्श हेतु शुक्रवार को बैठक बुलाई है। देश में ओमीक्रोन का संकट बढ़ता जा रहा है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने भी नाइट कर्फ्यू के आदेश दिए हैं। वहीं आए दिन मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार नए और कठोर फैसले ले रही है। प्रदेश में गत कुछ दिनों में जिस तरह से ओमीक्रोन के मामले सामने आ रहे हैं उससे ऐतिहासिक, धार्मिक व पौराणिक मेले के वर्ष 2022 के आयोजन के विषय में जिला प्रशासन को सोचने को मजबूर कर दिया है। कुमाऊं की काशी बागेश्वर में उत्तरायणी मेला ऐतिहासिक व धार्मिकता के साथ ही राजनैतिक रूप में काफी महत्वपूर्ण है। मकर संक्रांति के दिन लगने वाले इस मेले में देश के विभिन्न स्थानों से लोग यहां आते हैं। गत वर्ष कोरोना के संकट को देखते हुए प्रशासन ने इस मेले के रूप को कम करते हुए मात्र धार्मिक रूप से मनाने का निर्णय लिया था। कोरोना के संकट के कम होने के बाद प्रशासन, नगर पालिका समेत प्रत्येक मेलार्थी को उम्मीद थी कि इस बार उत्तरायणी मेला अपने पुराने स्वरूप के अनुसार होगा। जिसके लिए प्रशासन ने तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। वहीं बाहर से कई व्यापारी भी यहां आकर दुकान के लिए जगह आवंटित करा चुके हैं।

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