उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार, 1 महीने में 8 अफसर-कर्मचारी रिश्वत लेते गिरफ्तार  

देहरादून। उत्तराखंड में इस साल एक महीने के भीतर विजिलेंस ने सरकारी विभागों के आठ अफसर-कर्मचारियों को रिश्वत लेते पकड़ा। इनमें से सात आरोपी यूएसनगर, हल्द्वानी और हरिद्वार के थे। जबकि एक आरोपी कोटद्वार का था। पिछले साल पकड़े गए 20 अफसर-कर्मचारियों में से ज्यादातर आरोपी चार मैदानी जिलों से थे।  विजिलेंस निदेशालय ने शुक्रवार को यह आंकड़े जारी किए। एडीजी एवं विजिलेंस-निदेशक डॉ. वी. मुरुगेशन के अनुसार, पिछले साल विजिलेंस ने 18 मामलों में 20 आरोपी ट्रैप किए गए, जिसमें चार राजपत्रित अधिकारी भी शामिल रहे। यह आंकड़ा 2022 में पकड़े गए मामलों के मुकाबले 22 फीसदी ज्यादा रहा।  इस साल जनवरी में आठ आरोपियों को पकड़ा गया। इनमें तीन हरिद्वार, एक कोटद्वार और चार आरोपी यूएसनगर-हल्द्वानी से हैं। मुरुगेशन ने बताया कि हेल्पलाइन-1064 के जरिये अब तक कुल 7039 शिकायतें मिलीं, जिसमें से 798 मामले ही विजिलेंस से जुड़े थे।  इस साल लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश दिए गए हैं। राजस्व विभाग में सबसे ज्यादा मामले एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल के अनुसार, पिछले तीन साल में जो मामले पकड़े गए, उनमें सबसे ज्यादा 15 केस राजस्व विभाग से जुड़े थे।
जहां तक पहाड़ों पर भ्रष्टाचार के कम मामले पकड़े जाने का सवाल है तो वहां जागरूकता का अभाव इसके पीछे मुख्य वजह हो सकता है। यह भी हो सकता है कि लोग कोर्ट-कचहरी के चक्कर से बचने के लिए ट्रैप ना करवाते हों। पहाड़ पर भ्रष्टाचार के खिलाफ ज्यादा जागरूकता पर फोकस है। लोग भी इसे जिम्मेदारी समझें।  -डॉ. वी. मुरुगेशन, निदेशक-विजिलेंस

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