आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत द्वारा जारी किए गए आदेश में पीसीएस-प्री परीक्षा का परिणाम आने के बाद उत्तराखंड की महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर हुईं थीं। जिसके बाद इस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए क्षैतिज आरक्षण संबंधी शासनादेश रद्द कर दिया था।

वहीं उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य (सिविल) प्रवर अधीनस्थ सेवा प्रारम्भिक परीक्षा- 2021 के अन्तर्गत रिट याचिका संख्या-355 / 2022 पवित्रा चौहान व अन्य तथा रिट याचिका संख्या 133 ऑफ 2022 सत्यदेव त्यागी बनाम् उत्तराखण्ड राज्य व अन्य में उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के अनुपालन क्षैतिज आरक्षण के अन्तर्गत समस्त महिला अभ्यर्थियों को सम्मिलित करते हुए प्रारम्भिक परीक्षा के परिणाम को दिनांक 22 सितम्बर, 2022 एवं दिनांक 19 अक्टूबर 2022 द्वारा संशोधित किया गया था।
उत्तराखण्ड शासन विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग की अधिसूचना संख्या 09/XXXVI (3) /2023/72/(1)/2022 दिनांक 10 जनवरी 2023 द्वारा “उत्तराखण्ड लोक सेवा (महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) अधिनियम 2022” अधिसूचित किया गया है।

उक्त अधिनियम के दिनांक 18 जुलाई 2001 से प्रभावी होने के आधार पर उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य (सिविल) प्रवर अधीनस्थ सेवा प्रारम्भिक परीक्षा- 2021 में उत्तराखण्ड महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण प्रदान करते हुए दिनांक 22 सितम्बर 2022 एवं दिनांक 19 अक्टूबर 2022 के संशोधित परिणाम मे सम्मिलित ऐसी महिला अभ्यर्थी जो राज्य की अधिवासी नहीं है, जिन्होंने उत्तराखण्ड महिला के क्षैतिज आरक्षण का दावा नहीं किया गया है। तथा ऐसी महिला अभ्यर्थी जो उत्तराखण्ड महिला के श्रेणीवार कट ऑफ मार्क्स के अन्तर्गत स्थान धारित नहीं करती है, उनका प्रारम्भिक परीक्षा का परिणाम आयोग द्वारा निरस्त कर दिया गया है।
निरस्त अभ्यर्थियों की सूची को आयोग की वेबसाईट www.psc.uk.gov.in पर प्रसारित किया गया है।