उत्तराखंड के 110 लाभार्थी हिस्सा लेंगे दिल्ली स्वतंत्रता दिवस समारोह में

देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम करने वाले 110 लाभार्थी दिल्ली स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह के साक्षी बनेंगे। इन्हें कार्यक्रम में शिरकत करने का निमंत्रण मिल चुका है। 78वें स्वतंत्रता दिवस की थीम इस बार ‘विकसित भारत है। इसी कड़ी में विकसित भारत के लक्ष्य को साधने के लिए विभिन्न राज्यों के कई विभाग में बेहतर काम करने वाले लगभग 6000 विशेष अतिथियों को बुलावा भेजा गया है। उत्तराखंड में केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी और विभागों में उल्लेखनीय कार्य कर रहे लगभग 110 लोग इसमें शामिल हैं।
इन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना,राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, अटल इनोवेशन मिशन, लखपति दीदी योजना के साथ ही नीति आयोग, आंगनवाड़ी केंद्रों, एएनएम-आशा कार्यकत्रियों, सीमा सड़क संगठन, पंचायती राज और जनजातिय मंत्रालय की जनकल्याणकारी योजनाओं पर विशेष काम किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय स्वयं इसकी मानिटरिंग कर रहा है।
कपकोट ब्लॉक (बागेश्वर) के जामुवाखाल गांव की धना देवी को आमंत्रण मिला है। वे बताती हैं कि आमंत्रण मिलने से वह बेहद खुश हैं। धना स्वयं सहायता समूह चलाती हैं, जिसमें उन्होंने 500 महिलाओं को रोजगार दिया है। दुगड्डा (पौड़ी) के ग्राम मंडाई के नरेंद्र सिंह भी ने आमंत्रण मिलने पर सरकार का आभार जताया। नरेंद्र प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी हैं ।
महिला एवं बाल विकास विभाग में जेंडर स्पेशलिस्ट दून निवासी सुप्रिया चंद और उनके साथ काम कर रही 10 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में लिंगानुपात को बढ़ाने में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की अहम भूमिका रही है। उत्तरकाशी के नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एएनमए पूजा राणा भी स्वतंत्रता दिवस समारोह में मिले आमंत्रण से बेहद खुश है। सीमा सड़क संगठन में काम करने वाले कामगार पुष्कर सिंह और यशवंत सिंह भी आमंत्रण मिलने के बाद नई दिल्ली रवाना हो गए हैं।
खटीमा की शिक्षिका संगीता बत्रा और उनकी छात्राएं भी दिल्ली रवाना हो गई हैं। बत्रा ने केंद्र सरकार का आभार जताते हुए बताया कि इस तरह के आमंत्रण से बच्चों में उत्साह पैदा होता है और उन्हें नई-नई चीजें देखने को मिलती हैं। पिथौरागढ़ के दूरस्थ गांव ननकुड़ी की ग्राम प्रधान ममता और उनके पति लक्ष्मण सिंह भी इस कार्यक्रम के हिस्सा होंगे। उनका कहना है कि प्रधान होने के नाते विकास को सीमांत गांव तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं। कालसी (दून) की प्यारो देवी और प्रभा देवी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं, जिससे वह आत्मनिर्भर और सशक्त हुई हैं।

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