
देहरादून। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने उत्तराखंड में बड़े संगठनात्मक फेरबदल करते हुए गणेश गोदियाल को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। पार्टी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने मंगलवार, 11 नवंबर 2025 को नई दिल्ली से इसकी औपचारिक घोषणा की।
कांग्रेस अध्यक्ष ने साथ ही प्रदेश कांग्रेस की कैंपेन कमेटी और इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्षों की नियुक्तियों को भी मंजूरी दी है। इसके तहत पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा को कांग्रेस कार्यसमिति का विशेष आमंत्रित सदस्य (स्पेशल इनवाइटी) बनाया है। पार्टी ने उन्हें उनके कार्यकाल के दौरान संगठन को सशक्त बनाने में किए गए योगदान के लिए धन्यवाद दिया है।
इसी क्रम में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने उत्तराखंड के 27 जिलों में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति भी की है। इन नियुक्तियों को संगठन को जमीनी स्तर पर सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
अल्मोड़ा जिले का दायित्व भूपेंद्र सिंह भोज को सौंपा गया है, जबकि बागेश्वर में अर्जुन चंद्र भट्ट, चमोली में सुरेश डिमरी और चंपावत में चिराग सिंह फर्त्याल को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। देहरादून शहर में डॉ. जसविंदर सिंह गोगी और हल्द्वानी शहर में गोविंद सिंह बिष्ट को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
इसके अलावा काशीपुर शहर से अल्का पाल, रुद्रपुर शहर से ममता रानी, देवप्रयाग से उत्तम असवाल, डीडीहाट से मनोहर सिंह टोलिया, हरिद्वार से बलेश्वर सिंह और हरिद्वार शहर से अमन गर्ग को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है।
कोटद्वार से विकास नेगी, कोटद्वार शहर से मीना देवी, नैनीताल से राहुल छिमवाल, पच्छवादून से संजय किशोर, परवदून से मोहित उनियाल, पौड़ी गढ़वाल से विनोद सिंह नेगी, पिथौरागढ़ से मुकेश पंत, पुरोला से दिनेश चौहान, रानीखेत से दीपक किरोला और रुद्रप्रयाग से कुलदीप कंदारी को अध्यक्ष बनाया गया है।
टिहरी गढ़वाल से मुरारी लाल खंडवाल, ऊधमसिंह नगर से हिमांशु गाबा, उत्तरकाशी से प्रदीप सिंह रावत, रुड़की से फुरकान अहमद और रुड़की शहर से राजेंद्र कुमार चौधरी को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
कांग्रेस संगठन ने कहा है कि ये बदलाव आगामी चुनावों की तैयारी को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं। पार्टी का मानना है कि नए नेतृत्व से संगठन में नई ऊर्जा का संचार होगा और स्थानीय स्तर पर जनसंपर्क अभियान को और अधिक सशक्त बनाया जा सकेगा।





