उत्तराखंड बार काउंसिल को निर्धारित कदाचार शुल्क लेने के निर्देश
नैनीताल(आरएनएस)। हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड को निर्देश दिया है कि किसी अधिवक्ता के खिलाफ कदाचार की शिकायत का शुल्क 1750 रुपये से अधिक न लिया जाए। यह शुल्क बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने तय किया है। उत्तराखंड बार काउंसिल ने पूर्व में ऐसे मामलों में 20 लोगों से 5500-5500 रुपये शुल्क लिया है। कोर्ट के निर्देश के बाद अब बार काउंसिल उस रकम में से 1750 रुपये काटकर शेष रकम शिकायतकर्ताओं को वापस लौटाएगी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी एवं न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मंगलवार को मेरठ निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक सत्यदेव त्यागी की जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिका में कहा गया है कि अधिवक्ता के खिलाफ किसी मामले में उसके मुवक्किल द्वारा कदाचार की शिकायत करने की फीस उत्तराखंड बार काउंसिल ने 1750 रुपये से बढ़ाकर 5,500 रुपये कर दी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने अदालत को सूचित किया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसके लिए 1750 रुपये फीस तय की हुई है, लेकिन उत्तराखंड बार काउंसिल नियमों का उल्लंघन कर रहा है। मामले में उत्तराखंड बार काउंसिल ने कोर्ट को अवगत कराया कि अब शिकायतकर्ताओं से 1750 रुपये ही शुल्क लिया जाएगा। जिन 20 शिकायतकर्ताओं से अधिक शुल्क लिया गया है, उन्हें अतिरिक्त रकम लौटाई जाएगी। याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कहा है कि उत्तराखंड बार काउंसिल, बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित फीस से अधिक फीस नहीं ले सकती है।