नहीं रहे समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें कुछ दिन पहले तबीयत बिगड़ने के बाद गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था और हालत गंभीर होने पर आईसीयू में शिफ्ट किए गए थे। उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके मुलायम सिंह को लोग प्यार से ‘नेता जी’ बुलाया करते थे। मुलायम सिंह यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के सैफई में 22 नवंबर 1939 को हुआ था। 6 भाईयों-बहनों में एक मुलायम सिंह का सपना पहलवान बनने का था लेकिन एक दिन उन्होंने राम मनोहर लोहिया का लेख पढ़ा जिससे वो बेहद प्रभावित हुए और राजनीति में पदार्पण किया।
मुलायम सिंह यादव की पहली चुनावी जीत 1967 में हुई, जब उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की और विधायक बने। 1974 में उन्हें फिर से चुना गया, लेकिन उनका कार्यकाल तब बाधित हुआ जब वह 1975 में गिरफ्तार कर लिए गए। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान मुलायम सिंह के साथ कई अन्य राजनेता भी गिरफ्तार किए गए थे और 19 महीने तक जेल में बंद रहे। साल 1977 में उन्हें जेल से छोड़ा गया, इसके बाद उन्होंने अपनी विधानसभा सीट से फिर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
मुलायम सिंह और जनता दल (सोशलिस्ट) ने 1989 के यूपी विधानसभा चुनावों में सफलता हासिल की और बीजेपी के बाहरी समर्थन से जनता दल ने उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार बनाई और मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने। हालांकि, 1990 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद का केस होने के बाद बीजेपी ने अपना समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने 1991 में कांग्रेस की मदद ली। 1992 के अक्टूबर महीने में ही मुलायम सिंह ने समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी। दिसंबर 1992 में हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा बाबरी मस्जिद को गिराए जाने के बाद राज्य में दंगे हुए। बाबरी मस्जिद का केस होने के बाद उनकी पार्टी मुसलमानों की बात करने के साथ उभरी। 1993 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने गठबंधन सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें जीतीं और मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने लेकिन उनका कार्यकाल ज्यादा दिन तक नहीं चला क्योंकि बीएसपी ने अपना समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद समाजावादी पार्टी ने राष्ट्रीय राजनीति की ओर अपना विस्तार किया। 1996 में पार्टी ने लोकसभा में एक सीट जीती। मुलायम सिंह यादव ने 1996 से 1998 की शुरुआत तक यूनाइटेड फ्रंट की देवगौड़ा सरकार में रक्षा मंत्री का पद संभाला। इसके बाद उन्हें 1998 और 1999 में लोकसभा के लिए फिर से चुना गया। 2002 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर से वापसी की लेकिन पार्टी को बहुमत नहीं मिल सका। हालांकि, 2003 में बीएसपी-बीजेपी की गठबंधन सरकार गिरने के बाद मुलायम सिंह यादव तीसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 2007 के राज्य विधानसभा चुनावों में बीएसपी ने जीत हासिल की और एसपी को हार का सामना करना पड़ा। मुलायम सिंह यादव 2007 से 2009 तक विपक्ष के नेता के तौर पर पहचाने गए। इसके बाद वो लोकसभा के लिए फिर से चुने गए।