ऊधमसिंह नगर डीडीए बोर्ड बैठक में 10 प्रस्ताव पारित

रुद्रपुर। जिला विकास प्राधिकरण की 15 वीं बोर्ड बैठक में 10 प्रस्ताव पारित किए गए। निर्णय लिया गया कि 50 वर्ग मीटर तक के व्यावसायिक भवन में पार्किंग व्यवस्था नहीं होने पर भूमि के सर्किल रेट का 10 फीसदी और न्यूनतम 50 हजार रुपये शुल्क लिया जाएगा। इस शुल्क की रकम से पार्किंग सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। वहीं पेट्रोल पंपों के उच्चीकरण शुल्क को लैंड कॉस्ट के 75 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने पर सहमति बनी। वहीं किच्छा मार्ग पर संन्यासी दूधिया बाबा आश्रम को सरकार की ओर से 30 वर्ष पूर्व आवंटित भूमि के पट्टे में कुष्ठ रोगियों के बच्चों के लिए इंटर कॉलेज निर्माण का मानचित्र पारित करने का निर्णय लिया गया।
ऊधमसिंह नगर जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक मंडलायुक्त और अध्यक्ष जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण दीपक रावत की अध्यक्षता में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में हुई। बोर्ड बैठक में 12 प्रस्ताव रखे गए। इसमें 10 प्रस्ताव पर बोर्ड ने सहमति प्रदान की। वहीं दो प्रस्ताव अस्वीकार किए गए। बोर्ड बैठक में बायलॉज को लेकर भी चर्चा हुई। इससे संबंधित शासनादेश पर मंथन किया गया।
इस दौरान मैसर्स टैकमेट इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड के कार्मिकों ने रुद्रपुर एवं काशीपुर महायोजना-2041 के ड्राफ्ट का प्रस्तुतीकरण दिया। इसमें बोर्ड सदस्यों ने शिक्षा, चिकित्सा, ट्रान्सपोर्टेशन, पार्किंग, ट्रैफिक, प्रदूषण नियंत्रण, सीवर लाइन, वाटर सप्लाई, फायर सर्विस आदि विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही विभिन्न दिशा-निर्देश भी दिए। इस दौरान लैंड यूज चेंज के कई मामलों में मानचित्र पारित करने पर भी सहमति बनी।
बैठक में जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त, मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, उपाध्यक्ष जिला विकास प्राधिकरण हरीश काण्डपाल, सचिव जिला विकास प्राधिकरण एनएस नबियाल, प्रशिक्षु आईएएस अनामिका, उप जिलाधिकारी प्रत्यूष सिंह, अभय प्रताप सिंह, अधिशासी अभियंता विजय कुमार माथुर, मुख्य नगर नियोजक शशि मोहन श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

37 करोड़ से बनेगी मल्टीस्टोरी पार्किंग
जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण की बैठक में मल्टीस्टोरी पार्किंग को लेकर भी चर्चा की गई। इस दौरान प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हरीश चन्द्र कांडपाल ने बताया कि सिंचाई विभाग की करीब डेढ़ एकड़ भूमि विकास प्राधिकरण के नाम स्थांनातरित कर दी गई है। करीब 37 करोड़ की डीपीआर और डिजाइन नियोजन विभाग को भेजा गया है। नियोजन विभाग की ओर से स्वीकृति और धनराशि आवंटित होने पर निर्माण शुरू किया जाएगा। इस पार्किंग की क्षमता करीब 600 चोपहिया वाहनों को पार्क करने की होगी।