उक्रांद ने किया सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन

विकासनगर। उत्तराखंड क्रांति दल कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार पर जनता की समस्याओं को लेकर संवेदनहीन बने रहने का आरोप लगाया। कार्यकर्ताओं ने तहसील मुख्यालय में प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन किया। तहसील मुख्यालय पर उक्रांद के केंद्रीय संरक्षक सुरेंद्र कुकरेती ने कहा कि प्रदेश की जन समस्याओं को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल ही संघर्ष कर रहा है। भू-कानून हो, धारा 371, पलायन की समस्या हो, अंकिता भंडारी हत्याकांड हो, उत्तराखंड राज्य आन्दोलनकारियों की समस्याएं हो, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा किये गए घोटाले हों, अन्य भर्ती घोटाले हों, सभी मसलों पर उक्रांद ही आवाज उठाता रहा है। जबकि भाजपा, कांग्रेस मौन रहती है। कहा कि सरकार द्वारा राज्य आंदोलनकारियों का अपमान और अनदेखी की जा रही है। जिस मातृशक्ति के आंदोलन की वजह से अलग उत्तराखंड राज्य की स्थापना हुई सरकार उनका ही अपमान करने पर आमादा है। जिन महिलाओं की उनके पति की मृत्यु के पश्चात पारिवारिक पेंशन शुरू हुई, उनकी आंदोलनकारी पेंशन सरकार ने बंद कर दी है। कहा कि सरकार को जल्द इस सम्मान को वापस लौटना चाहिए।
उक्रांद के केंद्रीय संरक्षक ने चिह्नीकरण से वंचित वास्तविक राज्य आंदोलनकारियों का जल्द चिह्नीकरण किए जाने की मांग प्रदेश सरकार से की। कहा कि इसके लिए सरकार ने वर्ष 2021 में प्रार्थना पत्र आमंत्रित किए थे, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके साथ ही उन्होंने काबिना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को बर्खास्त करने, अवैध खनन पर रोक लगाने और रामपुर तिराहा कांड केस के गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग प्रदेश सरकार से ही है। इस दौरान उक्रांद के जिलाध्यक्ष गणेश प्रसाद काला, शैलेश गुलेरी, जयकृष्ण सेमवाल, भूपेंद्र सिंह नेगी, मायाराम ममगाई, पूरण प्रसाद भट्ट, बीना पंवार, दुर्गेश उनियाल, गोविंद बिष्ट, चंदन सिंह सजवाण, विरेंद्र सिंह नेगी, राजेंद्र वशिष्ठ, नरेंद्र कुकरेती, चंद्रशेखर गौड़, सुनीता चमोली, अंजू भट्ट, सावित्री रावत, सुशीला नेगी, सरोज मलासी, महावीर प्रसाद उनियाल, उर्मिला थपलियाल, रामदुलारी कुकरेती, विमला नेगी, उषा नेगी, नंदी देवी, अमजद मिर्जा, मनोरमा डोभाल, मंगत राम भगत, मदन पाल, जावेद खान, दिगंबरी देवी आदि मौजूद रहे।