उक्रांद ने की लोकसभा चुनाव को प्रत्याशियों की घोषणा

देहरादून(आरएनएस)।  उत्तराखंड क्रांति दल ने बुधवार को लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों की घोषणा की। पार्टी ने गढ़वाल संसदीय सीट से आशुतोष नेगी को टिकट देकर चौंकाया। आशुतोष लगातार अंकिता भंडारी केस में मुखर भूमिका निभाते आ रहे हैं। वहीं, पार्टी ने टिहरी सीट पर अपना प्रत्याशी उतारने की बजाय निर्दलीय प्रत्याशी बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है।
पार्टी कार्यालय में बुधवार को केंद्रीय अध्यक्ष पूरण सिंह कठैत ने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करते हुए बताया कि पार्टी ने हरिद्वार सीट पर मोहन असवाल, नैनीताल से शिव सिंह रावत और अल्मोड़ा लोकसभा सीट से अर्जुन देव को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। पार्टी सीटों पर दमदार तरीके से चुनाव लड़ेगी। चार सीटों पर जहां उक्रांद सीधे अपने प्रत्याशियों को जिताने में ताकत लगाएगी। वहीं टिहरी सीट पर बेरोजगारों की आवाज को लेकर मुखर रहने वाले बॉबी पंवार को पूरा समर्थन दिया जाएगा। इसके लिए बॉबी पंवार को पार्टी ने अपना समर्थन पत्र भी सौंप दिया है।
कठैत ने कहा कि गढ़वाल में अंकिता भंडारी प्रकरण में सड़क से लेकर न्यायालय तक आवाज उठाने वाले आशुतोष नेगी को टिकट देकर उक्रांद ने साफ कर दिया है कि पार्टी दोषियों को सजा दिलाने तक अपना आंदोलन जारी रखेगी। अब गढ़वाल संसदीय सीट पर आम जनता आशुतोष नेगी को भारी मतों से जिता कर अंकिता को न्याय दिलाने की दिशा में अपना अहम योगदान देंगे। आशुतोष नेगी ने उक्रांद नेताओं का आभार जताते हुए कहा कि अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने को लेकर जो लड़ाई शुरू की गई है, वो अब और तेज होगी। इस अवसर पर संरक्षक त्रिवेंद्र सिंह पंवार, महेन्द्र सिंह रावत, विजयन्त सिंह, मनोरथ प्रसाद ध्यानी, सुनील कोटनाला, विजय बौडाई, समीर मुंडेपी, मोहन सिंह असवाल उपस्थित रहे।

मूल निवास, भू कानून चुनावी एजेंडे में सबसे ऊपर
अध्यक्ष पूरण सिंह कठैत ने कहा कि पार्टी मूल निवास और भू कानून के मुद्दे पर लगातार मुखर है। आम जनता में इन मुद्दों को लेकर अलख जगाई जा रही है। जनता का भी पार्टी को पूरा समर्थन मिल रहा है। लोकसभा चुनाव में भी मूल निवास, भू कानून का मुद्दा सबसे अहम रहेगा। दल राज्य के स्थानीय मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगा। इसमें रोजगार, पलायन, मूल निवास, भू कानून के साथ ही राज्य की जल विद्युत परिजोजनाओं में राज्य की 70 प्रतिशत हिस्सेदारी सुनिश्चित कराना अहम रहेगा।


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