
रुद्रप्रयाग(आरएनएस)। जनपद में बढ़ते वन्यजीव के हमलों के विरोध में उत्तराखंड क्रान्ति दल ने कलक्ट्रेट परिसर में धरना देकर जिला प्रशासन एवं सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। इसके बाद डीएम के माध्यम से राज्यपाल को चार सूत्रीय मांग पत्र भी भेजा। तयशुदा कार्यक्रम के तहत मंगलवार को उक्रांद कार्यकर्ता जिला कार्यालय परिसर पहुंचे, जहां पर उक्रांद केन्द्रीय महामंत्री देवेन्द्र चमोली व जिलाध्यक्ष सूरत सिंह झिंक्वाण के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन कर शासन-प्रशासन एवं सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। तथा यहीं पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना देकर अपना विरोध दर्ज किया। इस अवसर पर उक्रांद केन्द्रीय महामंत्री देवेन्द्र चमोली ने शासन प्रशासन पर पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ते वन्यजीव के हमलों को रोकने में नाकाम साबित होने का आरोप लगाया है। कहा कि दिल्ली में बैठकर उत्तराखंड के लिए कानून व नीति बनाने वाले पहाड़ में व्याप्त त्रासदी के लिए जिम्मेदार है। पहाड़वासी कभी भूस्खलन तो कभी वन्यजीवों के आंतक से जूझ रहे हैं। विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले पर्वतीय क्षेत्र के लिए ठोस कानून न होने के कारण हमारी धार्मिक आस्था से छेड़छाड़ किया जा रहा है। जिलाध्यक्ष सूरत सिंह झिंक्वाण ने कहा कि अगस्त्यमुनिमुनी में सरकार की शह पर आस्था से जुड़ी मुनि महाराज की भूमि पर स्थानीय लोगों को विश्वास में लिए बिना निर्माण कार्य किया जा रहा है। केन्द्रीय संगठन मंत्री विष्णु कांत शुक्ला ने कहा कि हमारे धार्मिक आर्थिक महत्व के गौचरानों को गैर कानूनी तरीके से पूंजिपतियों के हवाले किया जा रहा है। रुद्रपुर की गौचरान भूमि हो या मुनि महाराज की सरकार की शह पर इसे हड़पने के प्रयास किए जा रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री बलबीर चौधरी ने कहा कि एक ओर जिला प्रशासन कानून की धौंस दिखाकर स्थानीय लोगों के छोटे छोटे निर्माण कार्यों को रोक देता है, लेकिन सुमेरपुर में नियम कानून को ताक पर रखकर बहुमंजिला इमारत खड़ी की जा रही है। इस अवसर पर उक्रांद जिला महामंत्री अजीत भंडारी, उपाध्यक्ष प्रेम सिंह रावत, दीप प्रकाश भट्ट, रवि राणा, उपेन्द्र पंत, राय सिंह पंवार, आशुतोष भंडारी, जितार सिंह जंगवाण, जसपाल, प्रेम पुरोहित, शैलेन्द्र बुटोला समेत कई लोग मौजूद थे।

