
देहरादून। प्रदेश में उच्च शिक्षा संस्थानों के शैक्षणिक रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण को प्राथमिकता देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने सभी राजकीय और निजी विश्वविद्यालयों को 30 नवंबर तक छात्रों के शैक्षिक प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपलोड करने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित समय सीमा के तहत शैक्षणिक सत्र 2021 से 2024 तक के प्रमाण पत्र, क्रेडिट रिकॉर्ड और छात्रों की अपार आईडी से संबंधित सभी दस्तावेज डिजीलॉकर और एनएडी–एबीसी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा में डिजिटल रूपांतरण को तेजी से आगे बढ़ा रही है। नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी और अकैडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स पर शैक्षणिक दस्तावेज अपलोड होने से छात्र-छात्राओं को अपने प्रमाण पत्र किसी भी समय और कहीं से भी ऑनलाइन प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी, जिससे पारदर्शिता और समय की बचत सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शैक्षणिक रिकॉर्ड डिजीलॉकर पर दर्ज करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 नवंबर 2025 कर दी है, इसलिए सभी संस्थानों को समय सीमा का पूर्ण अनुपालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
धन सिंह रावत ने बताया कि डेटा अपलोड की प्रगति की समीक्षा के लिए 19 नवंबर को दून विश्वविद्यालय में कार्यशाला और बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें सभी विश्वविद्यालयों के परीक्षा नियंत्रकों, नोडल अधिकारियों और तकनीकी कर्मियों को अपडेट रिपोर्ट के साथ अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि एनएडी–एबीसी प्रणाली डिजिटल शैक्षणिक पहचान प्रदान करने के साथ ही क्रेडिट ट्रांसफर को आसान बनाती है और नई शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन में सहायक है।




