सिल्ब के वनस्पति विज्ञान विभाग ने  दो दिवसीय वर्चुअल वेबिनार “अपग्रेड” आयोजित

-छात्रों को अनुसंधान के विभिन्न क्षेत्रों के बारे में जागरूक करवाया 
सोलन। शूलिनी इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज एंड बिजनेस मैनेजमेंट (एसआईएलबी) के वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा  आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला  ‘अपग्रेड’  का समापन हुआ।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जीवन विज्ञान के स्नातकोत्तर छात्रों को अनुसंधान के विभिन्न क्षेत्रों के बारे में जागरूक करना और अनुसंधान के उन क्षेत्रों का चयन करना था जो मानवता की सेवा करने और छात्रों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए आवश्यक हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत वनस्पति विज्ञान विभाग की ओर से वनस्पति विज्ञान विभाग की प्रमुख डॉ. ममता सिंह पठानिया के स्वागत भाषण से हुई।
एसआईएलबी संस्थान की अध्यक्ष सरोज खोसला ने मुख्य वक्ता प्रोफेसर पी.के खोसला, संस्थापक और कुलाधिपति, शूलिनी विश्वविद्यालय का स्वागत किया और उनसे छात्रों का मार्गदर्शन करने का अनुरोध किया।
प्रोफेसर खोसला ने प्राचीन भारत में वैज्ञानिक प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हजारों साल पहले हमारे वेदों में लिखे गए श्लोकों के रूप में विज्ञान का ज्ञान अब आधुनिक विज्ञान द्वारा सत्यापित किया जा रहा है। इसके अलावा, उन्होंने कहा, ब्रह्मांड का ज्ञान हमारे ऋषियों ने अपनी कुंडलिनी और चक्रों को जागृत करके प्राप्त किया था।

प्रोफेसर खोसला ने अध्यात्म और आधुनिक विज्ञान के बीच परस्पर क्रिया के बारे में भी बात की। उन्होंने छात्रों का जीवन विज्ञान के विभिन्न विषयों में करियर के अवसरों के बारे में भी मार्गदर्शन किया।

व्याख्यान के बाद उन्होंने छात्रों के कई सवालों के जवाब दिए। सत्र का संचालन डॉ. क्रांति ठाकुर और अजय रतन ने किया। प्रोफेसर खोसला ने वनस्पति विज्ञान विभाग में चल रहे शोध कार्य की प्रशंसा की और वनस्पति विज्ञान में अनुसंधान के प्रचार के लिए दो लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि  देने  की घोषणा भी  की।
कार्यक्रम के अंत में एसआईएलबी की निदेशक डॉ. शालिनी शर्मा ने मुख्य अध्यक्ष को धन्यवाद प्रस्ताव दिया। वेबिनार में वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी के कुल 150 छात्र उपस्थित थे।

Powered by myUpchar

error: Share this page as it is...!!!!