त्रिवेन्द्र को राज्यसभा में भेजने की तैयारी….
देहरादून। राज्यसभा सीट पर होने वाले चुनाव में प्रत्याशी चयन के लिए तैयार होने वाले पैनल में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का भी नाम शामिल होगा। मुख्यमंत्री के पद छोड़ने के बाद से त्रिवेंद्र का संगठन में अभी तक कोई किरदार तय नहीं हो पाया है। हालांकि सियासी हलकों में उन्हें केंद्रीय संगठन में जगह देने की बातें भी होती रही हैं।
संगठन स्तर पर राज्यसभा के प्रत्याशी चयन के लिए नामों का पैनल तैयार करने की कवायद शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि आने वाले कुछेक दिन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के बीच मंत्रणा होगी, जिसमें पैनल में भेजे जाने वाले छह नाम तय किए जाएंगे। पैनल में तीन पुरुष और तीन महिला नेताओं के नाम शामिल किए जाएंगे जो राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं।
हालांकि सियासी हलकों में राज्य के बाहर से उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चाएं हैं। लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पैनल में केवल स्थानीय नेताओं के नाम ही भेजे जाएंगे। पैनल में जिन नामों की प्रमुखता से चर्चा हो रही है, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम प्रमुख है।
पूर्व विधायक गहतोड़ी का नाम भी हो सकता है पैनल में शामिल
मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के बाद से त्रिवेंद्र को अभी संगठन में कोई अहम जिम्मेदारी नहीं दी गई है। मुख्यमंत्री धामी के लिए चंपावत सीट छोड़ने वाले पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी का नाम भी पैनल में शामिल हो सकता है। इस नाम की पैरवी मुख्यमंत्री की ओर से हो सकती है। तीसरा नाम संगठन से जुड़े नेताओं में से हो सकता है। इनमें प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार और वरिष्ठ नेता ज्योति प्रसाद गैरोला में से कोई एक नाम भी पैनल में शामिल हो सकता है। इनके अलावा पैनल में तीन महिलाओं के नाम भी शामिल किए जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक, इनमें महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महासचिव दीप्ति रावत, अनुसूचित जाति आयोग की पूर्व सदस्य स्वराज विद्वान और कोई अन्य सक्रिय महिला नेत्री का नाम शामिल हो सकता है। इन नामों के बीच मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद कोई अन्य नाम भी पैनल में शामिल हो सकता है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि राज्यसभा के पैनल में तीन पुरुष और तीन महिलाओं के नाम तय करने हैं। इसके लिए कुछेक दिन में मुख्यमंत्री के साथ चर्चा होगी। चर्चा में पैनल फाइनल कर केंद्रीय संसदीय बोर्ड को भेज दिया जाएगा। संसदीय बोर्ड ही प्रत्याशी का नाम तय करेगा।