ट्रैक्टर परेड हिंसा में पुलिस ने दर्ज की 22 एफआईआर

सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान कर रही

नई दिल्ली(आरएनएस)। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की हैं। हिंसा में 300 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए हैं।
हिंसा में शामिल किसानों की पहचान करने के लिए कई सीसीटीवी फुटेज और तमाम वीडियो को खंगाला जा रहा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, खासकर लाल किले और किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। कृषक संगठनों की केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प की, वाहनों में तोड़ फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया था। अतिरिक्त पीआरओ (दिल्ली पुलिस) अनिल मित्तल ने बताया कि मंगलवार को हुई हिंसा के मामले में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। उन्होंने बताया कि हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने चार मार्गों पर शांतिपूर्ण परेड निकालने का आश्वासन दिया था, लेकिन मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे छह से सात हजार ट्रैक्टर सिंघू बॉर्डर पर एकत्र हो गए और तय मार्गों के बजाय मध्य दिल्ली की ओर जाने पर जोर देने लगे। उन्होंने बताया कि बार-बार समझाने के बावजूद निहंगों की अगुवाई में किसानों ने पुलिस पर हमला किया और पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया। गाजीपुर एवं टीकरी बॉर्डर से भी इसी तरह की घटना की खबरें आईं। इसके बाद गाजीपुर एवं सिंघू बॉर्डर से आये किसानों की एक बड़ा समूह आईटीओ पहुंच गया और उसने लुटियन जोन की तरफ जाने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका तो किसानों का एक वर्ग हिंसक हो गया, उन्होंने अवरोधक तोड़ दिये तथा वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को कुचलने का प्रयास किया। हालांकि बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज करके हिंसक भीड़ को नियंत्रित किया। लेकिन यहां से वे लाल किले की ओर बढ़ गए। बयान के अनुसार मंगलवार को लगभग 90 मिनट तक अफरा-तफरी मची रही, किसान अपनी ट्रैक्टर परेड के निर्धारित मार्ग से हटकर इस ऐतिहासिक स्मारक तक पहुंच गए थे। वहां वे उस ध्वज-स्तंभ पर भी अपना झंडा लगाते दिखे, जिसपर प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को लाल किला परिसर से हटा दिया था।
दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर आयोजित ट्रैक्टर रैली के नाम पर हुए अराजकता के खेल के बार किसान नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राजधानी में हुई हिंसा के बाद एक्शन मोड में आई दिल्ली पुलिस ने कई नेताओं पर एफआईआर दर्ज की है। इनमें राकेश टिकैत, डा. दर्शनपाल, जोगिंदर सिंह, बूटा, बलवीर सिंह राजेवाल और राजेंद्र सिंह के नाम शामिल हैं। समयपुर बादली में दर्ज एफआईआर नंबर 39 में नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर और स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव का नाम भी शामिल है। दिल्ली पुलिस ने अपने एफआईआर में आपराधिक षडय़ंत्र, डकैती और घातक हथियारों के प्रयोग और हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराएं लगाई हैं।
पुलिस हिरासत में 200 लोग
दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान भडक़ी हिंसा के सिलसिले में 200 लोगों को हिरासत में लिया है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को हुई हिंसा के सिलसिले में और लोगों को हिरासत में लिया जा सकता है और पूछताछ की जा सकती है।

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