टिहरी बांध झील पर होगी एसडीआरएफ की टीम तैनात : डीजीपी

देहरादून। टिहरी बांध झील पर एसडीआरएफ की टीम को तैनात किया जाएगा। यह टीम ढालवाला ऋषिकेश से वहां भेजी जाएगी। यह आदेश डीजीपी अशोक कुमार ने दिए। डीजीपी एसडीआरएफ, जल पुलिस और बाढ़ राहत पीएसी दल के कार्यों और तैनाती को लेकर समीक्षा कर रहे थे। डीजीपी अशोक कुमार ने पुलिस मुख्यालय में जल पुलिस, एसडीआरएफ डीप डाइविंग टीम व बाढ़ राहत पीएसी दल के प्रभारियों के साथ बैठक की। इस दौरान मौजूद उपकरणों की जानकारी ली और टीमों की तैनाती को लेकर दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश के ढालवाला में एसडीआरएफ की एक टीम तैनात है। इसमें से एक सब टीम को टिहरी बांध झील पर तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही बाढ़ राहत पीएसी दल की टीम को शिवपुरी टिहरी गढ़वाल, लक्ष्मण झूला पौड़ी गढ़वाल, संगम स्थल रुद्रप्रयाग और ऊधमसिंहनगर के गुलभोज में तैनात किया जाएगा। देवप्रयाग संगम स्थल पर जल पुलिस की टीम तैनात की जाए। साथ ही एसडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी दल के रेस्क्यू उपकरणों का निरीक्षण कर उन्नत उपकरणों की खरीद करने को भी कहा। समीक्षा बैठक में आईजी अमित सिन्हा, वी मुरुगेशन, डीआईजी रिधिम अग्रवाल, नीलेश आनंद भरणे, सेनानायक एसडीआरएफ नवनीत भुल्लर आदि मौजूद रहे।
2006 में टिहरी बांध से शुरू हुआ विद्युत उत्पादन 2400 मेगावाट की इस जल विद्युत परियोजना के लिए टिहरी शहर को जलमग्न होना पड़ा था, झील में 37 गांव पूर्ण रूप से, 88 गांव आंशिक रूप से डूब गए।  भागीरथी और भिलंगना नदी के संगम पर बने बांध के निर्माण को 1972 में स्वीकृति मिली और 1977-78 में बांध का निर्माण शुरू हुआ। भूकंप से नुकसान को रोकने के लिए बांध को रॉकफिल बनाया गया है। इसमें झील का पानी रोकने के लिए बनी दीवार पूरी तरह से पत्थर और मिट्टी भरकर बनाई गई है। 29 अक्टूबर 2005 को टिहरी बांध की आखिरी सुरंग बंद हुई और झील बननी शुरू हुई। जुलाई 2006 में टिहरी बांध से विद्युत उत्पादन शुरू हुआ।

Powered by myUpchar

error: Share this page as it is...!!!!
Exit mobile version