टीईटी अनिवार्यता मामले में जल्द समाधान चाहता है शिक्षक संघ

देहरादून(आरएनएस)। प्राइमरी शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्यता मामले में राज्य के शिक्षक जल्द समाधान चाहते हैं। इसे लेकर उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। संघ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से बेसिक शिक्षक असमंजस की स्थिति में हैं। संघ ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत पूरे देश में शिक्षकों के लिए टीईटी उर्त्तीण करना अनिवार्य है। उत्तराखंड प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली में वर्ष 2011 से शिक्षक इसके तहत नियुक्त नियुक्त हैं। लेकिन आरटीई एक्ट लागू होने से पहले शिक्षकों की नियुक्ति तत्कालीन नियमावली के तहत हुई है। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से 2011 से पहले नियुक्त शिक्षक मानसिक तनाव में हैं। इसलिए आरटीई ऐक्ट लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी की अनिवार्यता से मुक्त रखा जाना चाहिए। ज्ञापन देने वालो में प्रांतीय तदर्थ समिति के सदस्य गोविंद बोरा, दिगम्बर नेगी, धर्मेन्द्र रावत, सुरेश उप्रेती, किशोर जोशी, प्रीतम सिंह बर्तवाल, मनोज बिष्ट, जयदेव राणा, जनक बिष्ट, यदुवीर बिष्ट, प्रेम सिंह फर्स्वाण शामिल रहे। निदेशक से मिलकर रखी अपनी मांगे शिक्षक संघ की प्रांतीय तदर्थ समिति के सदस्य गोविंद सिंह बोहरा के नेतृत्व में निदेशक प्राइमरी शिक्षा अजय ढौंडियाल से मुलाकात कर माध्यमिक शिक्षकों की तर्ज पर बेसिक शिक्षकों को धारा 27 के तहत ट्रांसफर की सुविधा देने की मांग रखी। साथ ही स्वीकृत पदों पर बेसिक शिक्षकों को पदोन्नति देने, खेल प्रतियोगिताओं के संचालन के लिए न्याय पंचायत स्तर पर तीन हजार की जगह 12 हजार, ब्लॉक स्तर पर 15 हजार की जगह 30 हजार रुपये की धनराशि देने और लंबित देयकों के लिए बजट आवंटित करने की मांग रखी।