तकनीकी शिक्षा निदेशालय पहुंचा बेरोजगार सोनी भंडारी का मामला

देहरादून(आरएनएस)।  बेरोजगार सोनी भंडारी का मामला एक बार फिर तकनीकी शिक्षा निदेशालय पहुंच गया है। भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने सोनी भंडारी के नियुक्ति प्रकरण में सोमवार को निदेशक तकनीकी शिक्षा देश राज से मुलाकात की और पूरे प्रकरण से अवगत कराया। तकनीकी शिक्षा निदेशक ने कहा कि हम इस प्रकरण का निदेशालय स्तर से परीक्षण कराएंगे। एक सप्ताह बाद स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो शासन स्तर पर भी परामर्श लिया जाएगा। भाजपा नेता ने कहा कि यह अपनी तरह का पहला मामला है, जब सारी चीजें अभ्यर्थी के हक में होने के बावजूद आज तक उसे न्याय नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जिम्मेदार लोगों ने अब तक गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपनाया है। यदि किसी ने भी गंभीरता पूर्वक प्रकरण को देखा होता तो आज सोनी नौकरी पाकर भी बेरोजगार नहीं होती।
बता दें कि सोनी ने वर्ष 2015 में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से आयोजित कंप्यूटर प्रोग्रामर की परीक्षा 78.75 प्रतिशत अंकों के साथ पास की थी। लेकिन विभाग ने उनकी नियुक्ति में तकनीकी पेच बताते हुए उन्हें रिजेक्शन लेटर थमा दिया। तब से सोनी अपनी नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी की पैरवी
सोनी के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी पैरवी की है। अपनी फेसबुक वॉल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को टैग करते हुए उन्होंने मामले का संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सिस्टम कभी-कभी कितना क्रूर हो जाता है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण सोनी भंडारी हैं, जिनका सरकारी नौकरी में चयन हो गया, मगर कई वर्षों से पिलर टू पोस्ट भागते फिर रही हैं। तंत्र की संवेदनहीनता का इससे बड़ा और क्या प्रमाण हो सकता है? उम्मीद है कि राज्य के माननीय मुख्यमंत्री या संबंधित विभाग के मंत्री प्रकरण का संज्ञान लेंगे।

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