ताइवान को हथियारों की सप्लाई से डरा चीन, अमेरिकी कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध

बीजिंग। चीन ने ताइवान को हथियारों की आपूर्ति के लिए अमेरिकी कंपनियों लॉकहीड मार्टिन कॉर्प और रेथियॉन टेक्नोलॉजीज कॉर्प पर प्रतिबंध लगा दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक नियमित समाचार ब्रीफिंग में कहा, प्रतिबंध दो कंपनियों के खिलाफ 7 फरवरी को 100 मिलियन डॉलर के हथियारों की बिक्री के खिलाफ जवाबी कार्रवाई है। उन्होंने कहा, अमेरिकी कंपनियों के इस कदम ने चीन के सुरक्षा हितों को कमजोर किया है, इसने चीन-अमेरिका संबंधों और ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को गंभीर रूप से कमजोर कर दिया।

चीन और ताइवान के बीच दशकों से विवाद जारी है। चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है। चीन ने जरूरत पडऩे पर इसे एक दिन बलपूर्वक कब्जा करने की कसम खाई है।
वांग ने कहा, चीन के विदेशी प्रतिबंध कानून में प्रासंगिक शर्तों के अनुसार, चीनी सरकार ने रेथियॉन टेक्नोलॉजीज और लॉकहीड मार्टिन के उल्लंघनकारी कृत्यों पर जवाबी कार्रवाई करने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा, दोनों सैन्य कंपनी हैं जिन्होंने लंबे समय से चीन के ताइवान क्षेत्र में अमेरिकी हथियारों की बिक्री में भाग लिया है। चीन और अमेरिका के बीच संबंध हमेशा एक चुनौतीपूर्ण रहे हैं, और आधी सदी के उतार-चढ़ाव के बाद, पहले से कहीं अधिक भयावह मौड़ पर है।
शीत युद्ध को गुजरे लंबा वक्त हो गया है, लेकिन दोनों पक्षों में आशंका है कि इसकी एक नई शुरुआत हो सकती है। चीन की दौलत ने उसकी सेना के एक बड़े विस्तार को सक्षम किया है, जिसे अमेरिका और उसके सहयोगी एक खतरे के रूप में देखते हैं।
कम्युनिस्ट पार्टी का कहना है कि वह केवल अपने क्षेत्र की रक्षा करना चाहती है। हालांकि, इसमें पूर्वी चीन सागर में जापान द्वारा और दक्षिण चीन सागर में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों द्वारा दावा किए गए द्वीपों को नियंत्रित करने की कोशिश करना शामिल है, जहां महत्वपूर्ण शिपिंग लेन और प्राकृतिक संसाधन हैं।