सेवा पुस्तिका गायब, समाधान के लिए देवताओं की शरण: सोशल मीडिया पर पत्र वायरल

चंपावत। लोक निर्माण विभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग खंड कार्यालय लोहाघाट में एक अजीबो-गरीब आधिकारिक फरमान चर्चा में है। अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार के नाम से जारी एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें विभाग की एक गायब सेवा पुस्तिका को खोजने के लिए देवी-देवताओं की शरण लेने की बात कही गई है। पत्र में 16 मई 2025 की तिथि अंकित है।

सोशल मीडिया पर वायरल पत्र के अनुसार, कार्यालय में तैनात अपर सहायक अभियंता जय प्रकाश की सर्विस बुक विभागीय अलमारी से रहस्यमय ढंग से गायब हो गई। तमाम खोजबीन और प्रयासों के बावजूद दस्तावेज़ नहीं मिलने पर अधिशासी अभियंता और संबंधित कर्मचारी मानसिक तनाव में आ गए। जब औपचारिक प्रयास विफल रहे, तो समाधान के लिए एक अनूठा उपाय सुझाया गया — दैवीय हस्तक्षेप की अपील।

पत्र में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा गया कि वे 17 मई 2025 को दो मुट्ठी चावल अपने घर से लाएं, जिन्हें किसी मंदिर में अर्पित किया जाएगा। अधिशासी अभियंता का मानना है कि इस ‘दैवीय समाधान’ से सर्विस बुक की समस्या का हल निकल सकता है और देवता न्याय करेंगे।

इस फरमान के सार्वजनिक होते ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। किसी ने इसे ‘आध्यात्मिक नौकरशाही’ का उदाहरण बताया, तो कुछ लोगों ने इसे एक हताश लेकिन भावनात्मक कदम करार दिया। एक ओर यह घटना सरकारी कार्यालयों में रिकॉर्ड प्रबंधन और दस्तावेज़ सुरक्षा की कमजोरियों को उजागर करती है, वहीं दूसरी ओर यह सरकारी कार्यप्रणाली में अंधविश्वास के हस्तक्षेप की मिसाल भी बन गई है।

17 मई को सभी कर्मचारी चावल लेकर कार्यालय पहुंचे, और तय कार्यक्रम के अनुसार चावल एक स्थानीय मंदिर में अर्पित किए जाएंगे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इससे सर्विस बुक मिलने की कोई दिशा मिली या नहीं, लेकिन यह मामला निश्चित ही सरकारी कार्यशैली और आस्था के आपसी टकराव का प्रतीक बन गया है।

वर्तमान में इस पत्र की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की जा सकी है कि यह वास्तव में आधिकारिक रूप से जारी किया गया या नहीं अथवा किसी ने छेड़खानी कर पत्र बनाया है।

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