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स्मैक का आदी युवक घरवालों को करता था परेशान, परिजनों ने मिलकर लगा दिया ठिकाने

रामनगर। स्मैक के नशे के आदी युवक की मौत के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। मृतक भूपाल सिंह के परिजनों ने ही मिलकर उसकी हत्या की थी। पुलिस ने मृतक के पिता और भाई को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार रामनगर कोतवाली क्षेत्र के सावल्दे में 13 जून को दुकानदार भूपाल सिंह उर्फ रोहित ठाकुर को परिजनों ने मृत अवस्था में रामनगर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां जांच में मृतक का गला काटकर हत्या करना प्रतीत हुआ, हैरानी वाली बात यह थी कि परिजनों की तरफ से इस मामले में कोई तहरीर नहीं दी गई। इस संबध में थाना रामनगर से जांच शुरू की गई तो प्रथम दृष्टया में परिजनों द्वारा हत्या किए जाने का मामला प्रकाश में आया। एसआई बीसी मासीवाल द्वारा इस मामले में पिता मोहन सिंह, भाई दीपक बिष्ट, मां राधा देवी और बहन किरण के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

सीओ बलजीत सिंह भाकुनी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पिता मोहन सिंह और भाई दीपक बिष्ट को उनके घर से बाहर पकड़ कर हत्या में प्रयुक्त चाकू को बरामद कर लिया है और मां और बहन को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। भूपाल उर्फ रोहित ठाकुर परिवार का सबसे बड़ा बेटा था और घर के बगल में ही परचून तथा सब्जी की दुकान चलाता था। करीब 3 साल से रोहित स्मैक का आदी हो गया था और अक्सर पैसे को लेकर घर वालों से गाली-गलौज और मारपीट करता था। कई बार नशा मुक्ति केंद्र भेजने के वाबजूद उसमें कोई परिवर्तन नहीं आया।

11 जून को भूपाल सिंह ने घर में झगड़ा किया और अपने ताऊ आनंद सिंह को पीटकर अंगूठा काट दिया, जिसके बाद पिता मोहन सिंह ने भूपाल सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। 12 जून को भूपाल का भाई दीपक घर पहुंचा तो तो उसके साथ भी झगड़ा किया। 13 जून की रात्रि 10:00 बजे भूपाल सिंह घर पहुंचा और परिजनों से मारपीट करने लगा तथा धमकी देने लगा कि तूमने मेरी रिपोर्ट कराई है मैं तूम्हे देख लूंगा। भूपाल सिंह ने मां, बहन, पिता, ताऊ और भाई दीपक को भी पीटा।

बेटे की रोजाना हरकतों से तंग आकर पिता मोहन सिंह ने भोपाल सिंह को जान से मारने को कहा। जिसके बाद सभी ने मिलकर भूपाल सिंह के गले पर सब्जी काटने वाले चाकू से दो वार किए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई और फिर 108 एंबुलेंस को फोन कर अस्पताल ले गए। भूपाल सिंह के शव को सीएससी रामनगर की मोर्चरी में रखवा दिया और दीपक सिंह को घर से भगा दिया।


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