नयना देवी मंदिर में हुआ श्रावणी उपाकर्म संस्कार

नैनीताल। हिंदू धर्म में रक्षा बंधन पर्व के दिन श्रावणी उपाकर्म का भी विशेष महत्व है। जनेऊ धारण करने वाले लोग इस उपाकर्म में भागीदारी करते हैं। इसके बाद विधि विधान से पूजन आदि के बाद पुरानी जनेऊ के स्थान पर नई जनेऊ धारण करते हैं। नगर के मल्लीताल स्थित नयना देवी मंदिर में भी श्रावणी उपाकर्म संस्कार किया गया। इसमें गणेश पूजन अदि के बाद पंचांगी कर्म किए गए। ब्रह्म कलश स्थापना के बाद अरूनधती समेत सप्तऋषि पूजन किया गया। इसमें वेदोप्ता अर्थात वेदों की रचना करने वाले ऋषियों की पूजा की गई तथा उसके बाद वंशोप्ता अर्थात इन्हीं वेदों को आगे बढ़ाने वाले ऋषियों आदि की पूजा अर्चना की गई।पूजन के विधान के तहत पितृ तर्पण कर पितरों को भी याद किया गया। इसके बाद उपस्थित लोगों ने जनेऊ धारण किया। इस मौके पर पूजन कार्य बसंत बल्लभ पांडे, चंद्रशेखर तिवारी, भुवन कांडपाल, बच्ची पंत अदि ने कराए। इस मौके पर नवीन तिवारी, बसंत जोशी, सुरेश मेलकानी, रमेश सिंह, सुनोज नेगी, धर्मा बिष्ट, तेज सिंह नेगी, उमेश बहुगुणा आदि रहे। इसके अलावा तल्लीताल नयना देवी मंदिर समेत भी कुछ स्थानों पर श्रावणी उपाकर्म किया गया। हालांकि इसमें काफी कमी आ गई है।


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