श्रद्धा पूर्वक मनाया श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश पर्व
देहरादून। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार में गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश पर्व संगतों द्वारा श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। कीर्तनी जत्थों ने गुरु महाराज की वाणियों का प्रचार प्रसार किया। प्रकाश पर्व पर सुबह से दोपहर तक विशेष रूप से दिवान सजा। सतवंत सिंह हजूरी रागी जत्थे ने आसा की वार व ‘जो मागहि ठाकुर अपनु ते सोई सोई देवै..’ का शब्द कीर्तन गायन किया। सेवक परिवार सरदार जसपाल सिंह की तरफ से रखे हुए श्री अखंड पाठ साहिब जी का भोग डाला गया। हजुरी रागी गुरदियाल सिंह ने ‘वाहु वाहु बाणी निरंकार है तिसु जेवडु अवरु न कोई..’ का शब्द गायन किया। ज्ञानी शमशेर सिंह हेड ग्रंथी ने कहा कि गुरु अर्जुन देव साहेब जी ने अपनी मौजूदगी में भाई गुरदास से गुरु नानक देव से लेकर गुरु अर्जन देव महाराज जी तक व 15 भगत साहिबान, 11 भट्ट साहिब जी व 3 गुरसिख साहिबान की बाणी लिखवाई। सितंबर 1604 में पहला प्रकाश श्री दरबार साहिब जी अमृतसर में बाबा बुड्ढा जी से करवा कर पहले मुख्य ग्रंथी होने का मान दिया। सतवंत सिंह हजूरी रागी जत्थे ने ‘अमरित बाणी हर हर तेरी..’ शब्द गायन किया। विशेष रूप से पहुंचे जसविंदर सिंह टीवी आर्टिस्ट ने ‘धुर की बानी आई..,तिनि सगली चिंत मिटाई..’ व बाणी गुरू गुरू है बाणी विचि बाणी अमरितु सारे..’ का शब्द गायन किया। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार के अध्यक्ष सरदार गुरबख्श सिंह राजन, महासचिव सरदार गुलजार सिंह ने गुरुद्वारा साहिब में आई हुई संगतों को गुरु महाराज जी के प्रकाश पर्व की बधाई दी। कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने गुरु घर में हाजिरी भर कर गुरु महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने सिक्खों के बलिदानों और सेवा कार्यों को याद किया। शमशेर सिंह ने सरबत के भले की अरदास की व गुरु साहिब जी का हुक्मनामा सुना कर संगतों को निहाल किया। मंच संचालन देवेन्द्र सिंह भसीन ने किया। संगतो ने गुरु का अटूट लंगर छका। इस अवसर पर गुरप्रीत सिंह जोली, बलजीत सिंह सोनी, अरविंदर ओबराय, जसविंदर सिंह गोगी, राजिंदर सिंह राजा, जसपाल सिंह, मंजीत सिंह, जगमिंदर सिंह छाबड़ा, अमरजीत सिंह छाबड़ा, चरणजीत सिंह, गुरविंदर सिंह सेठी, करन सिंह देओल, जसपाल सिंह देओल, हरदेव सिंह आदि उपस्थित रहे।