
देहरादून(आरएनएस)। प्रधानाचार्य सीधी भर्ती के खिलाफ राजकीय शिक्षक संघ के आंदोलन और मुख्यमंत्री के आश्वासन के बीच उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने विभागीय परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। आयोग ने राजकीय इंटर कॉलेजों के 624 औरबालिका इंटर कॉलेज की 68 प्रधानाचार्यों के लिए 22 सितंबर से ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। राजकीय शिक्षक संघ ने इस कदम निंदा करते हुए शिक्षा मंत्री के खिलाफ सीधे मोर्चा खोल दिया है। शिक्षक संघ ने प्रधानमंत्री को खून से लिखे पोस्टकार्ड भेजने के साथ ही शिक्षा मंत्री के कार्यक्रमों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। राजकीय शिक्षक संघ की शुक्रवार को ऑनलाइन आपात बैठक हुई। प्रधानाचार्य विभागीय सीधी भर्ती की विज्ञप्ति को राजकीय शिक्षक संघ के बहुसंख्यक शिक्षकों के हितों के खिलाफ करार देते हुए निंदा की गई। संघ ने आरोप लगाया कि राजकीय शिक्षक संघ के साथ बैठक में मुख्यमंत्री के लिखित आश्वासन दिया था। एक हफ्ते के भीतर सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में बैठक के बाद शिक्षकों के मांगों पर निर्णय लिया जाना था। संघ ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद विज्ञप्ति जारी कर शिक्षकों के आंदोलन को भड़काने का काम किया गया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान और महामंत्री रमेश पैन्यूली ने कहा कि संघ ने बैठक में तय किया है कि 25 सितंबर के बाद श्रीनगर और नैनीताल में शिक्षक विशाल जुलूस निकालेंगे। इसके बाद देहरादून में शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव करेंगे। इसमें पूरे प्रदेश के शिक्षक शामिल होंगे। बैठक में प्रदेश कार्यकारिणी के साथ ही दोनों मंडल और 13 जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारी शामिल हुए। जहां जाएंगे शिक्षा मंत्री वहां करेंगे विरोध बैठक में शिक्षकों की उपेक्षा को लेकर कई सदस्यों ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जरूरत पड़ी तो वह आत्मदाह जैसे कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे। संघ का प्रत्येक सदस्य 25 सितंबर से खून से लिखा पोस्टकार्ड प्रधानमंत्री को भेजेगा। बैठक में तय किया गया कि शिक्षा मंत्री जहां जाएंगे, वहां शिक्षक उनके कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे और अपनी मांगों के लिए घेराव करेंगे। इसे लेकर अपने क्षेत्र के विधायकों से भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखवाएंगे। शिक्षक संघ ने सभी शिक्षकों, शिक्षिकाओं से कहा है कि जिन्होंने अभी प्रधानाचार्य का प्रभार नहीं छोड़ा है वह छोड़ दें। साथ ही बीईओ के व्हाट्सऐप ग्रुप से भी खुद को अलग कर दें। साथ ही छात्र उपस्थिति, मिड डे मील और अन्य सूचनाएं उच्च स्तर पर न भेजें। बीएलओ ड्यूटी भी न करें। सिर्फ छात्रों को पढ़ाने का काम करें।
आयोग की ओर से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को लेकर राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व प्रदेश महामंत्री डॉ.सोहन सिंह माजिला ने कहा कि यह शिक्षक हितों के साथ कुठाराघात है। मुख्यमंत्री के खुद हस्तक्षेप करने के बावजूद अफसरशाही बेलगाम है और वह शिक्षक हतों को दरकिनार कर कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यभर के शिक्षक इसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ेंगे।
परीक्षा समर्थक मंच ने जताया सरकार का आभार : राजकीय शिक्षक संघ के कड़े विरोध के बीच परीक्षा समर्थक मंच ने सरकार का आभार जताया है। मंच ने कहा कि इससे प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ेगी और 692 दुर्गम विद्यालयों में प्रधानाचार्य मिल सकेंगे। मंच के प्रांतीय महासचिव डॉ. कमलेश कुमार मिश्र ने कहा कि प्रधानाचार्य विभागीय परीक्षा में पंद्रह हजार एलटी और प्रवक्ता संवर्ग के शिक्षकों को परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा। डॉ. मिश्रा ने कहा कि अभी राज्य के 1385 इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के 1200 पद और हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक के 910 में से 830 पद खाली है। हाईस्कूल प्रधानाध्यापक ही पदोन्नति के बाद प्रधानाचार्य बनते हैं, प्रधानाचार्य बनने के लिए उन्हें 5 वर्ष की सेवा प्रधानाध्यापक के पद पर करनी होती है, इस तरह से अगर आज 830 पदों को भर भी दिया जाए तब भी 5 साल बाद इंटर कॉलेजों को 830 प्रधानाचार्य ही मिल पाएंगे। इस दौरान कई प्रधानाध्यापक सेवानिवृत्त भी हो जाएंगे। ऐसे में प्रधानाचार्य के 600 से अधिक पद हमेशा खाली रहेंगे। इसलिए सरकार ने इन पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर सकारात्मक पहल की है। मंच के प्रांतीय संयोजक बृजेश पंवार ने कहा कि अभी पदोन्नति विवाद हाईकोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में हाईस्कूल प्रधानाध्यापक के पदों पर भी पदोन्नति संभव नहीं हो पा रही है। भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरकार का आभार व्यक्त करने वालों में प्रांतीय अध्यक्ष दिनेश चंद्र पांडे, अनिल राणा, जवाहर मुकेश, आकाश चौहान, द्वारिका प्रसाद पुरोहित, शंकर डबराल, योगेंद्र नेगी, चंडी प्रसाद, नरेंद्र सिंह बिष्ट, प्रीतम सिंह नेगी, जनक रावत, राजेश रमोला, विनीता बहुगुणा, अमिता सिंह, रेनू विद्यार्थी शामिल रहे।