शिक्षकों का शोषण करने वाले स्कूलों की मान्यता रद की जाए

देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड क्रांति दल ने शिक्षकों का शोषण करने वाले निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने और उनकी मान्यता रद करने की मांग की है। शुक्रवार को दल ने जिलाधिकारी कार्यालय में डीएम सविन बंसल से मुलाकात की। इस दौरान दल के पूर्व महानगर अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ परवीन चंद रमोला ने कहा कि आज निजी स्कूल केवल धन अर्जित करने का जरिया बन गए हैं। शिक्षा का बाजारीकरण किया जा रहा है। इसका सीधा असर छात्रों के भविष्य पर पड़ रहा है। आरोप लगाया कि शीशमबाड़ा में चल रहे एक स्कूल में महिला शिक्षकों का मानसिक रूप से उत्पीड़न किया जा रहा है। विद्यालय हर साल अपने निजी लाभ के लिए प्रारूप में बदलाव रहा है। युवा उक्रांद के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि स्कूल की ओर से शिक्षकों के तीन माह के वेतन को सेक्योरिटी के तौर पर रखा जाता है, जो कि सीबीएससी के नियमों के विरुद्ध है। वर्तमान में कई शिक्षकों के वेतन के साथ ही सिक्योरिटी राशि भी रोकी गयी है। केंद्रीय महामंत्री बृज मोहन सजवाण ने कहा कि स्कूल में त्यागपत्र देने के बाद नोटिस पीरियड में चल रहे शिक्षकों का शोषण किया जाता है, जाकि वो नोटिस पीरियड पूरा न कर पाएं। इसके बाद उनका वेतन और सिक्योरिटी जब्त कर दी जाती है। केंद्रीय महामंत्री किरन रावत ने कहा कि शहर में ऐसे कई स्कूल हैं, जो बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों से मनमानी कर रहे हैं। चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन होगा। मौके पर परवीन चंद रमोला, यशपाल नेगी, भोला दत्त चमोली, गजेंद्र नेगी, बृज मोहन सजवाण, बिजेंद्र रावत, अनूप बिष्ट आदि मौजूद थे।