श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए शुरू की गई टोकन व्यवस्था से भी राहत नहीं

देहरादून: लक्खीबाग श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए शुरू की गई टोकन व्यवस्था भी राहत नहीं दे पा रही है। यहां टोकन खत्म होने के बाद स्वजन को लौटना पड़ रहा है। लोग शव के अंतिम संस्कार के लिए अन्य श्मशान घाट का रुख कर रहे हैं या या दूसरे दिन के लिए टोकन का इंतजार कर रहे हैं।

शिवाजी सेवा समिति की ओर से लक्खीबाग श्मशान घाट संचालित किया जाता है। सामान्य दिनों में यहां चार से पांच शवों का अंतिम संस्कार होता था, लेकिन बीते कुछ दिनों से यह संख्या 22 से 23 तक पहुंच गई है। यहां एक दिन में अधिकतम 20 अंतिम संस्कार किए जा सकते हैं। इस प्रक्रिया में किसी तरह का विवाद न हो, इसके लिए समिति ने बीते 29 अप्रैल से टोकन व्यवस्था शुरू की है। जिसमें प्रतिदिन 20 टोकन दिए जा रहे हैं।

पहले आओ पहले पाओ के आधार पर टोकन मिलेंगे, लेकिन अब स्थिति यह है कि यहां टोकन लेने के लिए लोग सुबह ही लाइन में खड़े हो जाते हैं। शनिवार को भी काफी सख्या में लोग पहुंचे, लेकिन टोकन खत्म होने के चलते उन्हें लौटना पड़ा। लक्ष्मण चौक निवासी राजीव ने बताया कि उनकी बहन के ससुर का सुबह निधन हो गया। यहां आकर पता चला कि टोकन अब कल मिलेंगे। दूसरे श्मशान घाटों में भी काफी भीड़ है। इसलिए कल सुबह दोबारा आकर टोकन लेना पड़ेगा।
इधर, शिवाजी धर्मशाला के मैनेजर ईश्वर चंद्र शर्मा के मुताबिक लोग टोकन बढ़ाने की मांग करते हैं, लेकिन श्मशान भूमि में 20 शवों के अंतिम संस्कार की क्षमता है और एक जगह पर एक दिन में दूसरा अंतिम संस्कार कराना संभव नहीं होता।

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