शैक्षिक शोध में सैंपलिंग तकनीक एवं टूल कंस्ट्रक्शन स्किल सीखी

रिसर्च मैथड एण्ड डेटा एनालिसिस ओरिएंटेशन कोर्स जारी
अल्मोड़ा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) व इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज इन एजुकेशन अल्मोड़ा की ओर से जारी सात दिवसीय ऑनलाइन ओरिएंटेशन कोर्स के तीसरे दिन सैंपलिंग तकनीक एवं टूल कंस्ट्रक्शन प्रविधियों के बारे में संदर्भदाताओं की ओर से विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।
बुधवार को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय में डायट प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों के लिए आयोजित रिसर्च मैथडालाॅजी ऑनलाइन कोर्स में पहले सत्र में संदर्भदाता महात्मा गांधी रूहेलखंड (यूपी) विश्वविद्यालय के प्रो यशपाल सिंह ने रिसर्च में सैंपलिंग तकनीक के बारे में बताया। उन्होंने सैंपल की उचित मात्रा, प्रतिनिधित्व के गुण को ध्यान में रखकर जनसंख्या में से प्रतिचयन कर व्याहारिक एवं उत्कृष्ट गुणवत्ता के शोध पर जोर देने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि शोध त्रुटियों और पूर्वाग्रहों से दूर होकर शोधार्थी को तटस्थता के साथ प्रतिदर्श का चुनाव करना चाहिए। इस दौरान सैंपलिंग टेक्निक की प्रोबेबिलिटी एवं नाॅन प्रोबेबिलिटी मेथड्स के बारे में उदाहरण देकर रोचक तरीके से जानकारी दी।
तीसरे सत्र में एसएसजे विवि के शिक्षा विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ नीलम कुमारी ने उपलब्धि परीक्षण के निर्माण एवं मानकीकरण पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि उपलब्धि परीक्षण शिक्षक निर्मित निदानात्मक, निबंधात्मक और लिखित रूप में हो सकता है। उपलब्धि परीक्षण (अचीवमेंट टेस्ट) के लिए हमें सटीक नियोजन करने की नितांत आवश्यकता है। इसके बाद संबंधित गुण या चर को व्यापक तरीके से करने के बाद प्रस्तुतीकरण करना। फिर बेस्ट आइटम का चयन कर मूल्यांकन योग्य बनाना होता है। चौथे और अंतिम सत्र में प्रो मनोज कुमार सक्सेना द्वारा उपकरण निर्माण की संपूर्ण प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रश्नावली प्रविधि पर विशेष फोकस देते हुए उसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर शिक्षा संकाय प्रमुख प्रो विजयारानी ढ़ौंडियाल, पाठ्यक्रम समन्वयक डाॅ संगीता पंवार, अंकिता कश्यप, गौहर फातिमा, हिमांशु शर्मा, गोविंद सुयाल, श्रृंखला चावला आदि ने भी समय-समय पर कोर्स संचालन में सहयोग दिया।