शहीदी दिवस पर गुरु गोविन्द सिंह के पुत्रों को किया याद

नई टिहरी। गुरु गोविन्द सिंह के पुत्रों की याद में शहीदी सप्ताह के मौके पर बौराड़ी स्थित गुरुद्वारे में गुरुवाणी का पाठ किया गया। सरदार इकबाल सिंह ने बताया कि 21 से 27 दिसंबर के बीच गुरु गोविन्द सिंह का पूरा परिवार शहीद हो गया था। गुरु गोविन्द सिंह के चार पुत्र थे, जिसमें से अजीत सिंह और जुझार सिंह 22 दिसंबर को 11 अन्य साथियों के साथ देश की रक्षा करते शहीद हो गए। जिसके बाद नवाब बजीर खां ने गुरु गोविन्द के दोनों छोटे पुत्रों से इस्लाम धर्म कबूल करने को कहा, लेकिन दोनों के इस्लाम धर्म कबूल न करने पर नवाब बजीर खां ने नाबालिग जोरावार सिंह और फतेह सिंह को जिंदा दीवार में चिनवा दिया। चार पुत्रों की मौत के गम में माता गुजरी देवी ने अपने प्राण त्याग दिये। कहा दुनिया में यह अकेली ऐसी मिशाल है, जिस पर सिख धर्म को गर्व है, उनकी याद में सात दिनों तक शहीदी दिवस मनाया जाता है। बताया यह घटना करीब तीन सौ साल पुरानी है। गुरुद्वारे के मुख्य ग्रंथी मंगत सिंह ने गुरुवाणी का पाठ किया। गुरुद्वारे में पहुंचे लोगों ने मथा टेका और गुरुवाणी का पाठ सुना। इस दौरान सिख समाज की ओर से भंडारे का आयोजन भी किया गया। मौके पर सरदार मनमोहन सिंह, हरिकृष्ण लांबा, चंद्रमोहन अरोड़ा, बलजीत कौर, सुरेंद्र कौर, नीति राजपाल, सुभाष राणा आदि मौजूद थे।

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