सेना की मदद से देश के सीमावर्ती भागों के लिए पतंजलि ने भेजे तिरंगे झण्डे
हरिद्वार। आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित किए जा रहे अमृत महोत्सव में पतंजलि भी बढ़-चढ़ कर सहभागिता दर्ज करा रहा है। इसी क्रम में पतंजलि परिवार की ओर से बड़ी पहल करते हुए द्वारा सेना की मदद से देश के सीमावर्ती भागों तक लाखों की संख्या में तिरंगा पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए पतंजलि ने देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात सैनिकों को माध्यम बनाया है। पतंजलि द्वारा सैनिकों की सहायता से देश के सीमावर्ती इलाकों में रह रहे लोगों तक तिरंगा पहुंचाने के लिए हरिद्वार से भारत तिब्बत सुरक्षा बल के डीआईजी मनोज कुमार सिंह को सीडीओ प्रतीक जैन के माध्यम से झंडे रवाना किए।
इस अवसर पर स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि पतंजलि के सेवाकार्यों में राष्ट्रसेवा निहित है। उन्होंने कहा कि उनके लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि है तथा राष्ट्रधर्म सबसे बड़ा धर्म है। हमारे प्रत्येक अच्छे या बुरे आचरण से हमारा पूरा राष्ट्र प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि इस पुनीत अवसर पर प्रत्येक भारतीय यह संकल्प ले कि जब तक मेरी नाड़ियों में रक्त की एक बूंद भी शेष है और देह में प्राण प्रवाहमान हैं, देश की सेवा करते रहेंगे।
आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि राष्ट्र उनके लिए सब कुछ है। मेरा तन-मन-धन व जीवन राष्ट्रहित में समर्पित रहेगा। राष्ट्रवाद के सिद्धान्त, अध्यात्मवाद व आदर्शवाद की मर्यादाएं उनके वैयक्तिक राष्ट्रीय जीवन के आदर्श हैं। उन्होंने कहा कि हमें देशवासियों के हृदय में देश के प्रति सेवा का भाव जागृत करना है। हिंसा, विद्वेष, क्रोध व प्रतिशोध जैसे अपवित्र विचारों से जब व्यक्ति को हिंसक, अपराधी बनाया जा सकता है तो पवित्र विचारों से एक व्यक्ति को राष्ट्रवादी, अध्यात्मवादी, मानवतावादी व प्रगतिवादी भी बनाया जा सकता है।
कार्यक्रम में डा.यशदेव शास्त्री, पतंजलि क्रय समिति की अध्यक्षा अंशुल, संप्रेषण विभाग प्रमुख पारूल, पतंजलि आयुर्वेद लि. के सलाहकार पंकज शाह, पंजाब नेशनल बैंक के वरिष्ठ अधिकारीगण और पतंजलि के कर्मयोगी उपस्थित रहे।