
माधो सिंह भंडारी योजना बनी सामूहिक खेती का सफल मॉडल
देहरादून। उत्तराखंड राज्य की रजत जयंती के अवसर पर संस्कृति विभाग ऑडिटोरियम, दीपनगर में उत्तराखंड प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन की ओर से भव्य सहकारिता सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, निबंधक सहकारिता डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट और राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (एनसीटीसी) की सचिव डॉ. मीनू शुक्ला पाठक ने दीप प्रज्वलित कर किया।
मुख्य अतिथि डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने सहकारिता क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य किए हैं। सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद देशभर में सहकारिता की नई क्रांति आई है, और उत्तराखंड इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि मिलेट मिशन के तहत किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं और सरकार द्वारा समितियों के माध्यम से मुंडवा की सीधी खरीद ₹4800 प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है, जिससे किसानों को आर्थिक बल मिला है।
महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में उन्होंने कहा कि अब महिला समूहों को बिना गारंटी के ₹21,000 से लेकर ₹1,10,000 तक का ऋण दिया जाएगा, जिससे वे आय सृजन और रोजगार से जुड़ी गतिविधियों को आगे बढ़ा सकेंगी। इसके साथ ही भारत दर्शन यात्रा के लिए महिला समूहों को ₹3 लाख तक का ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा।
डॉ. रावत ने घोषणा की कि अब स्कूलों में कक्षा 6 से सहकारिता आंदोलन का पाठ पढ़ाया जाएगा। इसके लिए निबंधक सहकारिता को समिति गठित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इस प्रस्ताव को भारत सरकार को भेजकर केंद्रीय विद्यालयों में भी इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जा सके।
उन्होंने बताया कि राज्य सहकारी बैंक के माध्यम से छोटे व्यापारियों और ठेली-रेहड़ी संचालकों को अब मात्र 5 प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पकालिक ऋण दिया जाएगा। “जब आम व्यक्ति की आय बढ़ेगी, तभी प्रदेश और देश आत्मनिर्भर बन सकेगा,” उन्होंने कहा।
मंत्री ने बताया कि पौड़ी जनपद में चल रही माधो सिंह भंडारी सामूहिक सहकारी खेती योजना अब सामूहिक कृषि का सफल मॉडल बन चुकी है। बंजर भूमि पर फूलों की खेती ‘वेस्ट से बेस्ट’ का प्रेरक उदाहरण बनी है। अब तक पौड़ी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में आयोजित सहकारिता मेलों में 70,000 से अधिक ग्रामीणों की भागीदारी रही है। शीघ्र ही टिहरी, चमोली, उत्तरकाशी, उधमसिंह नगर और चंपावत में भी मेले आयोजित किए जाएंगे।
निबंधक सहकारिता डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि सहकारिता विभाग राज्य की प्रगति की रीढ़ है। किसान यदि संपन्न होगा, तो देश संपन्न होगा। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय ऋण वितरण योजना और मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना को माइलस्टोन बताया और इनके प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया।
राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद की सचिव डॉ. मीनू शुक्ला पाठक ने कहा कि “सहकारिता आंदोलन वास्तव में जनभागीदारी का आंदोलन है।” उन्होंने कहा कि इसकी सफलता के लिए महिला शक्ति और युवाओं की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।
कार्यक्रम में वरिष्ठ सहकार बंधु उमेश त्रिपाठी, सुरेंद्र सिंह पनियाला, मातवर सिंह रावत, महावीर प्रसाद कुकरेती और मरणोपरांत हयात सिंह म्हारा को “सहकारिता सम्मान” से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन की प्रबंध निदेशक मंगला त्रिपाठी ने किया। उन्होंने सहकारिता विभाग की 25 वर्ष की विकास यात्रा पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
सम्मेलन में प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन के अध्यक्ष रामकृष्ण मेहरोत्रा, उपाध्यक्ष शैलेंद्र बिष्ट, मनोज सामंत, गोपाल बोरा, सार्थक त्रिपाठी, राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक प्रदीप मेहरोत्रा, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल सहित विभागीय अधिकारी, विभिन्न जिलों के निबंधक, सचिव और सहकारिता क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधि उपस्थित रहे।





