सरकारी सिस्टम से परेशान, श्रमदान से शुरू किया सड़क का काम

रुद्रप्रयाग। सरकारी सिस्टम से परेशान होकर जसोली के ग्रामीणों ने अपनी गांव तक सड़क पहुंचाने के श्रमदान शुरू कर दिया है। ग्रामीण जसोली गांव के लिए सड़क के कई बार शासन-प्रशासन के चक्कर काट चुके हैं जबकि ग्रामीणों ने एक सप्ताह पूर्व मुख्यालय में प्रदर्शन भी किया, किंतु कोई सुनवाई न होने पर गांव के लोगों ने मिलकर श्रमदान से सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया है।

रुद्रप्रयाग जिले के रानीगढ़ क्षेत्र के जसोली-जीआईसी चमकोट मोटर मार्ग के लिए गांव की प्रधान अर्चना चमोली के नेतृत्व में ग्रामीणों ने हाथों में कुदाल-फावड़ा लेकर स्वयं ही सड़क के लिए श्रमदान शुरू कर दिया है। बड़ी संख्या में गांव की महिला, बुर्जुग, युवा मिलकर इस कार्य में सहयोग कर रहे हैं। है। साथ ही सड़क निर्माण के लिए ग्रामीण चंदा भी एकत्रित कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना हे कि मोटरमार्ग बनने से जसोली गांव की अनुसूचित जाति बस्ती के साथ ही राइंका, स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्र को भी जुड़ना है। ग्राम प्रधान अर्चना चमोली ने बताया कि आंदोलन के बाद ग्रामीणों ने पूर्व में ही श्रमदान से सड़क बनाने का अल्टीमेटम दे दिया था। बावजूद कोई सुध नहीं ली गई। इसलिए ग्रामीण मजबूर होकर श्रमदान कर रहे हैं। कहा कि सड़क के लिए वन भूमि के नाम पर लटकाया जा रहा है।

सामाजिक कार्यकर्ता मदनमोहन चमोली ने कहा कि सड़क न होने से कई गर्भवती महिलाओं ने मुश्किलें उठाई। गंभीर बीमार और गर्भवती दम तोड़ रही है किंतु एक छोटी सी मांग पूरी न होने पर ग्रामीण श्रमदान के लिए मजबूर हैं। स्थानीय निवासी त्रिलोक चौधरी, दिनेश रावत, रामलाल, बिंदी लाल, पुष्कर लाल, रमेश मैठाणी, हरीश मैठाणी, ज्योति देवी,मदन लाल, मनोरी लाल, दीपक लाल का कहना है कि अब सभी ग्रामीणों ने सड़क निर्माण का बीड़ा उठा दिया है। अब सड़क बनकर रहेगी। इधर, यूकेडी के युवा नेता मोहित डिमरी ने भी ग्रामीणों के आंदोलन को समर्थन दिया और श्रमदान में सहयोग करने गांव पहुंचे। उन्होंने कहा कि जब तक सड़क नहीं बनी वह ग्रामीणों के आंदोलन में पूरा सहयोग करेंगे। इस मौके पर उनके साथ उक्रांद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगत चौहान, आईटी महामंत्री सुमित कठैत भी मौजूद थे।

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