सरकारी स्कूलों के सभी शिक्षकों की होगी डिग्री की जांच

देहरादून। फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षक भर्ती के मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह सरकारी स्कूलों के सभी शिक्षकों की डिग्री की जांच करे और तीन माह में कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश करे। अदालत ने यह आदेश तब दिया जब वह फर्जी व अमान्य डिग्री के आधार पर नियुक्ति पाने वाले 3500 शिक्षकों के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता के वकील एमसी कांडपाल ने कहा, ‘पिछले साल स्टूडेंट गार्जियन वेलफेयर कमिटी, हल्द्वानी की तरफ से एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें दावा किया गया था कि राज्य के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में करीब 3500 टीचर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्त किए गए हैं। इसके कारण राज्य के कई स्कूलों में शिक्षा का स्तर काफी तेज से नीचे गिरा है।’ सरकार ने कोर्ट से जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए 6 महीने का समय मांगा था, लेकिन कोर्ट ने केवल 3 महीने में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने पहले अपने शपथ पत्र में कहा था कि इस मामले की एसआईटी जांच चल रही है और अभी तक 84 अध्यापक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सेवाएं देने वाले पाए गए हैं।

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