सरकार के खिलाफ गरजे राजस्व कर्मी

विकासनगर। पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, उप निरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ की अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल गुरुवार से शुरू हो गई है। हड़ताल के पहले दिन सभी राजस्व कर्मचारियों ने तहसील मुख्यालय में धरना देकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। गुरुवार को पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, उप निरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ से जुड़े कर्मचारियों ने मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ तहसील मुख्यालय में प्रदर्शन किया। संघ के जिलाध्यक्ष जयालाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार राजस्व कर्मियों की मांग को अनदेखा करते हुए राजस्व निरीक्षक और रजिस्ट्रार कानूनगो के पदों का एकीकरण कर रही है। जबकि एकीकरण होने से कर्मचारियों के हित प्रभावित होंगे। प्रदेश भर के साठ प्रतिशत भू भाग पर कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी राजस्व कर्मियों को दी गई है, जिन्हें अपने राजस्व क्षेत्रों में थानाध्यक्ष का दर्जा दिया गया है। बावजूद इसके उन्हें नागरिक पुलिस के समान वेतन और संसाधन मुहैया नहीं कराए जा रहे हैं। 16वें बैच के राजस्व निरीक्षक प्रशिक्षण, राजस्व क्षेत्रों के पुनर्गठन और राजस्व निरीक्षक सेवा नियमावली में प्रख्यापन के संबंध में अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। इसके साथ ही संवर्गीय कार्मिकों को उच्चीकृत वेतनमान का लाभ वर्ष 2006 से दिए जाने की मांग की गई थी, लेकिन प्रदेश सरकार और राजस्व परिषद उनकी सभी मांगों की अनदेखी कर रही है। कहा कि सरकार के अड़ियल रवैए से साफ जाहिर है कि राजस्व कर्मियों के साथ साजिश के तहत भेदभाव किया जा रहा है। सरकार जानती है कि दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में संसाधनों के अभाव में कानून व्यवस्था बनाए रखना मुश्किल होता है। राजस्व पुलिस के संसाधन विहीन होने का खामियाजा ग्रामीण जनता को भुगतना पड़ता है। कहा कि मांगों पर उचित कार्यवाही होने के बाद ही हड़ताल समाप्त की जाएगी। धरना प्रदर्शन करने वालों में संघ के सचिव मोतीलाल जिनाटा, चतर सिंह चौहान, भीमदत्त जोशी, भोपाल दास, सुखदेव चंद्र जिनाटा, रतिराम, कमलेश चंद्र शर्मा, मीनाक्षी शाह, सरदार सिंह राणा, खजान सिंह असवाल, राजेंद्र लाल, रोशन लाल शर्मा, ईश्वर दत्त, साधू सिंह, मनोज कुमार, सुशीला देवी, छोटन सिंह, अनिल कुमा, गीता देवी, त्रेपन सिंह पंवार, घुटन सिंह चौहान, ग्यार सिंह आदि शामिल रहे।