सहस्रधारा रोड चौड़ीकरण पर फिर खड़ा हुआ संकट

देहरादून। जोगीवाला से कुल्हान तक सहस्रधारा रोड चौड़ीकरण पर फिर से संकट खड़ा हो गया है। पीडब्ल्यूडी ने 328 पेड़ों के ट्रांसप्लांट के लिए एफआरआई से विशेषज्ञ मांगें थे, लेकिन संस्थान के पास विशेषज्ञ नहीं हैं। एफआरआई ने पीडब्ल्यूडी को पत्र भेजकर ट्रांसप्लांट करवाने वाली कुछ कंपनियों के नाम सुझाए हैं। अब पीडब्ल्यूडी को फिर से हाईकोर्ट में प्रत्यावेदन लगाकर अनुमति मांगनी होगी।
जोगीवाला चौक-रिंग रोड-लाडपुर-सहस्रधारा क्रासिंग-आईटी पार्क-कुल्हान तक 14 किमी सड़क चौड़ीकरण की मंजूरी एक साल पहले मिल गई थी। सड़क चौड़ीकरण की जद में 2057 पेड़ आ रहे हैं। पेड़ों के कटान के विरोध में कुछ संस्थाएं हाईकोर्ट पहुंच गई थीं। जिस पर हाईकोर्ट ने यूकेलिप्टिस के पेड़ों को छोड़कर शेष पेड़ों का ट्रांसप्लांट करने के आदेश दिए थे। यह ट्रांसप्लांट एफआरआई के सुपरविजन में करने को कहा गया था। पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड ऋषिकेश ने यूकेलिप्टिस के सभी पेड़ कटवा दिए हैं। बाकी बचे पीपल, आम, पिलखन, सिल्वर ओख समेत विभिन्न प्रजाति के 328 पेड़ों के ट्रांसप्लांट करवाने के लिए एफआरआई से विशेषज्ञों की मांग की गई, लेकिन एफआरआई ने वापस पत्र भेजकर यह कह दिया कि हमारे पास ट्रांसप्लांट वाले विशेषज्ञ नहीं हैं।
एफआरआई ने पत्र में ट्रांसप्लांट करवाने वाली कुछ कंपनियों के नाम भी सुझाए हैं। पीडब्ल्यूडी ऋषिकेश के सहायक अभियंता संदीप सेमवाल का कहना है कि चौड़ीकरण की जद में आए सभी पेड़ों का कटान हो गया है। अब 328 पेड़ बचे हैं, जिनका ट्रांसप्लांट होना है। हाईकोर्ट ने एफआरआई के सुपरविजन में ट्रांसप्लांट करवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन एफआरआई के पास विशेषज्ञ नहीं हैं। संस्थान ने कुछ कंपनियों के नाम दिए हैं, उनसे ट्रांसप्लांट करवाने के लिए हमें कोर्ट की अनुमति लेनी होगी। फिलहाल, जहां पेड़ कट गए हैं, वहां चौड़ीकरण का काम शुरू कर दिया जाएगा।

अब हाईकोर्ट से लेनी होगी अनुमति
पीडब्ल्यूडी को अब फिर से हाईकोर्ट में प्रत्यावेदन देना होगा। एफआरआई ने जिन कंपनियों ने नाम सुझाए हैं, उनसे ट्रांसप्लांट करवाने के लिए पहले कोर्ट से अनुमति लेनी होगी। ऐसे में सड़क चौड़ीकरण के काम में देरी होगी। केंद्र सरकार ने इस सड़क के चौड़ीरकरण के लिए 77.53 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। सड़क को 22 मीटर तक चौड़ा किया जाना है। हालांकि, कुछ स्थानों पर जगह के अभाव में सड़क की चौड़ाई कम रहेगी।


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